Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शस्त्र लाइसेंस मामले को लेकर CBI ने जम्मू-कश्मीर व दिल्ली में कई जगह छापे मारे

हमें फॉलो करें शस्त्र लाइसेंस मामले को लेकर CBI ने जम्मू-कश्मीर व दिल्ली में कई जगह छापे मारे
, शनिवार, 24 जुलाई 2021 (15:00 IST)
मुख्‍य बिंदु
  •  
  • शस्त्र लाइसेंस मामले में सीबीआई ने छापे मारे
  • जम्मू-कश्मीर व दिल्ली में पड़े छापे
  • जांच के सिलसिले में तलाशी जारी
श्रीनगर/नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अनिवासियों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हजारों शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप से संबंधित मामले में शनिवार को जम्मू-कश्मीर में 40 जगहों और राष्ट्रीय राजधानी में छापे मारे। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

 
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि शस्त्र लाइसेंस रैकेट से संबंधित एक मामले में चल रही जांच के तहत जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला और दिल्ली में आईएएस अधिकारियों, करीब 20 'गन हाउस' सहित लोकसेवकों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापे मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 2 आईएएस अधिकारियों शाहिद इकबाल चौधरी और नीरज कुमार के परिसरों पर छापेमारी हो रही है।

 
सीबीआई ने कूपवाड़ा, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा, पुलवामा और कुछ अन्य जगहों के तत्कालीन जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेटों के परिसरों पर दिसंबर 2019 में श्रीनगर, जम्मू, गुरुग्राम और नोएडा समेत एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की थी। अभियान 2019 में दर्ज एक मामले के संबंध में चलाया जा रहा है। आरोप है कि 2012 और 2016 के बीच जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने धन के लालच में फर्जी और अवैध रूप से थोक में शस्त्र लाइसेंस जारी किया था।
 
सीबीआई ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के विभिन्न जिलों में वहां के जिलाधिकारियों और मजिस्ट्रेट द्वारा कथित तौर पर लगभग दो लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने से संबंधित दो मामलों की जांच के सिलसिले में तलाशी ली थी। आरोप है कि रिश्वत के बदले में गैर कानूनी रूप से ये शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए। आरोप है कि तत्कालीन लोक सेवकों ने अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर राज्य के गैर निवासियों को नियमों का उल्लंघन कर शस्त्र लाइसेंस जारी किया और रिश्वत ली।
 
राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2017 में इस घोटाले का खुलासा किया था और अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस जारी करने में संलिप्तता के आरोप में 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस के अनुसार कथित रूप से सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक परमिट दिए गए थे। एटीएस के निष्कर्षों के आधार पर जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया था।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महाराष्ट्र के सातारा में अंबेघर भूस्खलन स्थल से 5 शव बरामद