नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसमें 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चर्चा होगी। शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी।
निशंक ने ट्वीट किया कि 23 मई 2021 को पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट पर यह बैठक डिजिटल माध्यम से होगी जिसमें उनके (निशंक के) अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल होंगे। इस बैठक में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, सचिव हिस्सा लेंगे।
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार इस बैठक में 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चर्चा होगी और इसमें परीक्षा आयोजित करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
वहीं, सीबीएसई के सूत्रों के अनुसार, इसके तहत जिन संभावित विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, उनमें कागज-कलम आधारित लिखित प्रारूप में केवल मुख्य विषयों की परीक्षा लेना, विभिन्न राज्यों एवं जिलों में कोविड-19 की स्थिति के अनुरूप दो चरणों में परीक्षा आयोजित करना अथवा परीक्षा रद्द करना एवं वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के तहत परिणाम घोषित करना शामिल है।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा है कि अभी कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है और सभी पक्षकारों के सुझावों पर विचार करने के बाद शिक्षा मंत्रालय अंतिम फैसला करेगा। वहीं, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय तथा सीबीएसई छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षा विभाग भी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए परीक्षा की तिथियों को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है खासतौर पर परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं पर इसका असर पड़ा है।
पत्र में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई ने अपनी 12वीं कक्षा की परीक्षा, 2021 को स्थगित कर दिया है। इसी तरह राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और अन्य राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थानों ने भी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अपनी प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है।
निशंक ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के आयोजन से पूरे देश में राज्य बोर्ड परीक्षाओं और अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में छात्रों के बीच उत्पन्न अनिश्चितता को कम करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के सुझावों के आधार पर देश भर के सभी छात्रों के हित में बारहवीं कक्षा की सीबीएसई परीक्षा के बारे में विचार किया जाए। निशंक ने ट्विटर के माध्यम से सभी हितधारकों- छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और अन्य लोगों से भी सुझाव मांगे हैं।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित और 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं। कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, लगभग सभी राज्य शिक्षा बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई ने अपनी बारहवीं कक्षा की परीक्षा, 2021 को स्थगित कर दिया है।
छात्रों एवं अभिभावकों का एक बड़ा वर्ग बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है हालांकि स्कूलों के प्राचार्यों की परीक्षा के विकल्पों को लेकर अलग-अलग राय है। इसके अलावा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिये नीट प्रवेश परीक्षा एवं कुछ अन्य परीक्षा स्थगित की। (भाषा)