नई दिल्ली। शोक में डूबे राष्ट्र ने नम आंखों से प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को शुक्रवार शाम अंतिम विदाई दी।
यहां दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को उनकी बेटियों ने मुखाग्नि दी, जिसके बाद दोनों की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गईं। आज का दिन भारत के सैन्य इतिहास में एक नए अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।
17 तोपों की सलामी : संस्कृत में मंत्रोच्चार के बीच जनरल रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार, सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। उनकी दोनों बेटियों- तारिणी और कृतिका ने अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मी अनुष्ठान किए। लाखों लोगों ने टेलीविजन पर इस भावुक कर देने वाले क्षण को देखा।
अंत्येष्टि स्थल के पास लोगों का हुजूम मौजूद था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस भी भारत के पहले सीडीएस के अंतिम संस्कार के समय उपस्थित थे।
अंतिम यात्रा के लिए 2233 फील्ड रेजिमेंट ने रस्मी तोपगाड़ी उपलब्ध कराई। सीडीएस के अंतिम संस्कार में सेना के तीनों अंगों से लगभग 800 सैन्यकर्मी शामिल हुए। कई देशों के सैन्य अधिकारियों ने भी जनरल रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा में उमड़े लोग : इससे पहले, सीडीएस जनरल रावत की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने भारत माता की जय, वंदे मातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा, रावत जी का नाम रहेगा और जनरल रावत अमर रहें जैसे नारे लगाकर अपने प्रिय महान सैनिक को अंतिम विदाई दी।
जनरल रावत की अंतिम यात्रा यहां उनके आधिकारिक आवास से शुरू हुई। रास्ते में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। आम लोग हाथों में तिरंगा लिए फूलों से सजे उस वाहन के साथ दौड़ते नजर आए जिसमें जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर रखे हुए थे। रास्ते में लोगों ने अपने वाहन रोककर भी देश के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी को नम आंखों से विदाई दी।
हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। अब तक 13 में से तीन शवों की ही शिनाख्त हो पाई है। इससे पहले आज सुबह जनरल रावत के सहायक रहे ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर का भी बरार स्क्वेयर में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।