नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण पर सुनवाई कर रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि वर्क फ्रॉम होम से प्रदूषण पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। इससे सरकारी काम पर असर होगा।
केंद्र द्वारा जिन वाहनों का प्रयोग राष्ट्रीय राजधानी में किया जा रहा है वह कुल वाहनों का छोटा का हिस्सा है। इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
केंद्र ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर आने-जाने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग करने के बजाय कारपुलिंग का सहारा लेने की सलाह दी, जिससे सड़क पर वाहनों की संख्या कम हो सके।
केंद्र ने हलफनामें में कहा कि 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने डीजल वाहन पर रोक लगाई गई है। जरूरी सामान वाले ट्रकों को ही मिलेगी एंट्री।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, वायु प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष (CAQM) के नए निर्देशों के संबंध में संबंधित विभागों के साथ बैठक करेंगे।
वायु प्रदूषण को लेकर बनाए गए केंद्र सरकार के एक पैनल ने आदेश जारी कर कहा है कि दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूल और कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे। बुधवार से ऑनलाइन पढ़ाई होगी। मंगलवार की रात कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने शहर और आसपास के क्षेत्रों को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई निर्देश जारी किए।