नई दिल्ली। सोशल मीडिया सहित अन्य ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने संबंधी विवाद पर भारत सरकार का कहना है कि डिजिटल माध्यमों पर साझा सामग्री को आपात स्थिति में ब्लॉक करने का नियम देश में नया नहीं है और वह 2009 से ही अस्तित्व में है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया के नए दिशा-निर्देशों पर शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए इस आशय की जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिशा-निर्देशों के भाग तीन के नियम 16 को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है। इस नियम के तहत आपात स्थिति में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव सामग्री को अंतरिम रूप से ब्लॉक करने का निर्देश दे सकते हैं।
बयान के अनुसार, यहां स्पष्ट किया जाता है कि यह कोई नया प्रावधान नहीं है। यह पिछले 11 साल से (2009 से) अस्तित्व में है और प्रावधान के तहत अधिकार का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (जनता के लिए सूचना को ब्लॉक करने की प्रक्रिया और सुरक्षा) नियम, 2009 के तहत किया जाता है।
बयान में कहा गया है कि इस साल 25 फरवरी को जारी नियमानुसार प्रावधान में इसका उपयोग करने का अधिकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को दे दिया गया है। मंत्रालय ने कहा, यह दोहराया जाता है कि प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है और न हीं सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थता दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 के तहत सामग्री को ब्लॉक करने के लिए कोई नया प्रावधान जोड़ा गया है।
50 लाख यूजर्स को ही दर्जा : सरकार ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच की परिभाषा में न्यूनतम 50 लाख यूजर (उपयोगकर्ता) संख्या की शर्त रखी है। इस परिभाषा में आने वाली कंपनियों को नए आईटी नियमों के तहत अपने सोशल मीडिया मंच का दुरुपयोग रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानियों का अनुपालन करना होगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित नए नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंचों को मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित अतिरिक्त नियमों का पालन करना होगा। इसमें यह भी शर्त है कि तीनों अधिकारियों को भारत में रहना होगा। उन्हें मासिक अनुपालन रिपोर्ट और लगातार हटाई गई सामग्रियों का विवरण प्रकाशित करना होगा।
अभी देश में व्हाट्सएप के 53 करोड़, यूट्यूब के 44.8 करोड़, फेसबुक के 41 करोड़, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ और ट्विटर के 1.75 करोड़ खाताधारक हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारत में एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मंच के लिए 50 लाख उपयोगकर्ता की सीमा निर्धारित की है।
इससे पहले, सरकार ने सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग कंपनियों को नियंत्रित करने वाले नियमों को कड़ा करने की गुरुवार को घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों को प्रकाशित सामग्रियों के लिए अधिक जवाबदेह बनाना है।(भाषा)