नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अंतर्गत निम्न दबाव का क्षेत्र इस समय मध्यप्रदेश के मध्य और पश्चिमी भागों पर बना हुआ है। इसकी अक्षीय रेखा राजस्थान के सिरोही और मध्यप्रदेश के मध्य भागों में बने निम्न दबाव के बीच से छत्तीसगढ़ और ओडिशा होते हुए बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर पहुंच गई है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार मौसम का एक चक्रवाती सिस्टम गुजरात के दक्षिणी हिस्सों पर भी बना हुआ है तथा दक्षिणी गुजरात से मध्यप्रदेश होते हुए ओडिशा तक एक ट्रफ बना हुआ है। बीते 24 घंटों के दरमियान भी मानसून का तेज प्रदर्शन कोंकण और गोवा में जारी रहा। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर भी मानसून की व्यापक सक्रियता देखने को मिली है। इन भागों में भारी से अति भारी वर्षा दर्ज की गई है। मुंबई में 332 मिमी (करीब साढ़े 13 इंच) बारिश रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय ओडिशा, गुजरात, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और मध्यप्रदेश के भी कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम मानसूनी बौछारों के बीच एक या दो जगहों पर भारी वर्षा देखने को मिल सकती है।
हिमाचलप्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार के कुछ हिस्सों, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
केरल में भी भारी वर्षा का अनुमान : आईएमडी ने कहा है कि मानसून इस वक्त हिमालय के निचले इलाकों के पास है और यह दक्षिण की तरफ शिफ्ट होने लगा है जिसके कारण यह आज शनिवार को यह दिल्ली-एनसीआर के करीब रहेगा और इसके चलते दिल्ली और आसपास के इलाकों में भारी बारिश होगी। विभाग ने यह भी कहा कि इस दौरान अरब सागर से दक्षिण और बंगाल की गाड़ी से पूर्व की ओर हवाएं भी चलेंगी। मानसून की सक्रियता से केरल में भी भारी वर्षा होने का अनुमान है।