मुंबई। ICICI बैंक ने चंदा कोचर (Chanda Kochhar) की बैंक की सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्ति को निरस्त कराने और उनसे अनेक प्रकार की धनराशि की वसूली के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बैंक ने 12 साल का इंसेंटिव और बोनस भी वापस मांगा है।
बैंक ने 10 जनवरी को धन वसूली का मुकदमा दायर किया और बैंक के खिलाफ चंदा कोचर की याचिका को खारिज किए जाने की अपील की और कहा कि यह मुद्दा वाणिज्यिक दावे के तहत निस्तारित किया जा सकता है।
बैंक ने अपने हलफनामे में कहा, आईसीआईसीआई ने एक मुकदमा दायर किया है जिसमें याचिकाकर्ता (कोचर) से अप्रैल 2006 से मार्च 2018 तक दिए गए बोनस को वापस (क्लॉ बैक) दिलाए जाने की मांग की गई है।
कर्मचारी को किए गए भुगतान को वापस लेने का प्रावधान मुनाफा कम होने या फिर कर्मचारी के अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने की स्थित में लागू किया जा सकता है।
यह हलफनामा कोचर की उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। कोचर का कहना है कि उन्होंने बैंक को स्वेच्छा से छोड़ दिया था और उसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया।
उल्लेखनीय है कि आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने पति को फायदा पहुंचाने के लिए वीडियोकॉन समूह को लोन दिया था। कोचर पर 3250 करोड़ रुपए का लोन देने में नियमों को ताक पर रखने का आरोप है।