नई दिल्ली। पूरे देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के दोषियों- विनय शर्मा और मुकेश कुमार की संशोधन (क्यूरेटिव) याचिकाओं पर 14 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में ‘इन-चैम्बर’ सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति एनवी रमन की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय पीठ विनय और मुकेश की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। सुनवाई न्यायमूर्ति रमन के चैंबर में अपराह्न एक बजकर 45 मिनट पर होगी। पीठ में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल हैं।
मुकेश कुमार की ओर से वृंदा ग्रोवर ने संशोधन याचिका दायर की, जबकि विनय की ओर से सदाशिव ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों अपराधियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने के लिए गत मंगलवार को ‘ब्लैक वारंट’ (डेथ वारंट) जारी किया था। उसके बाद गत 9 जनवरी को विनय और मुकेश ने संशोधन याचिकाएं दायर की थी। अभी अक्षय और पवन गुप्ता ने संशोधन याचिका दायर नहीं की है।
पटियाला हाउस अदालत ने सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी देने का आदेश दिया था। फैसले के बाद सभी दोषियों ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष क्यूरेटिव याचिका दायर करने की बात कही थी।
निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे बुरी तरह से जख्मी करने के बाद सड़क पर फेंक दिया गया था। बाद में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें एक नाबालिग आरोपी भी था। उसे तीन साल के लिए सुधारगृह में रखा गया था, जहां से वह रिहा हो चुका है।
एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि शेष चार आरोपियों- विनय शर्मा, पवन गुप्ता, मुकेश कुमार और अक्षय कुमार को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया।