आर्थिक मंदी और देश में घटते रोजगार के अवसरों के बीच सरकार की एक रिपोर्ट से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानि NCRB की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में सबसे अधिक बेरोजगारी के चलते लोगों ने खुदकुशी की है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी के चलते हर 2 घंटे में 3 लोग खुदकुशी करने को मजबूर हो रहे है।
एनसीआरबी की रिपोर्टस के मुताबिक भारत में बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या करने वालों की संख्या किसानों की खुदकुशी से भी ज्यादा हो है। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में खुदकुशी के 1 लाख 34 हजार 516 मामले दर्ज किए गए जोकि 2017 की तुलना में 3.6 फीसदी अधिक था। NCRB की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 1 लाख 29 हजार 887 लोगों ने आत्महत्या की थी।
NCRB की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या के दर्ज हुए कुल केसों में सबसे अधिक 12,936 बेरोजगार और 10,349 किसान थे जिन्होंने आत्महत्या से जैसा आत्मघाती कदम उठाया। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में हर दिन करीब 36 बेरोजगार लोगों ने खुदकुशी की यानि 2 घंटे में तकरीबन 3 लोगों ने बेरोजगारी के चलते अपना जीवन समाप्त कर लिया। ये चौंकाने वाला खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB ) की 2018 में हुआ है।
NCRB की रिपोर्ट में जारी बेरोजगारों की खुदकुशी के आंकड़ों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि सबसे अधिक आत्महत्या के मामले में केरल में सामने आए है जहां एक साल में 1585 लोगों ने आत्महत्या की है। वहीं तमिलनाडु में 1579, महारष्ट्र में 1260, कर्नाटक में 1094 और उत्तर प्रदेश में 902 लोगों ने खुदकुशी की है।
NCRB की रिपोर्ट का विस्तार से अध्ययन करने पर इस बात का खुलासा होता है कि 2018 में खुदकुशी करने वाले सबसे अधिक दिहाड़ी मजदूर शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पांच से एक दिहाड़ी मजदूर शामिल था।