नई दिल्ली। चंडीगढ़ में एक आईएएस की बेटी के साथ छेड़छाड़ और पीछा करने के मामले पर हरियाणा से लेकर दिल्ली तक राजनीति में भूचाल आ गया है। आरोपों के घेरे में हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष सुभाष बराला का बेटा विकास और उसका एक साथी है। अब इस मामले में भाजपा अपने ही नेताओं से घिरती हुई नजर आ रही है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने बराला के बेटे विकास बराला के खिलाफ में कोर्ट में जाने की बात कही है।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने बराला के बेटे विकास बराला के खिलाफ में कोर्ट में जाने की बात कही है। स्वामी ने कहा कि 'नशे में धुत दो गुंडों द्वारा एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा कर अपहरण करने की कोशिश' करने के मामले में जनहित याचिका दाखिल करेंगे। स्वामी के मुताबिक 'पुलिस ने इस मामले में उलटा ही काम किया है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ जमानती मामले दर्ज किए और उन्हें जाने दिया।'
स्वामी ने कहा कि चंडीगढ़ में मेरे सहयोगी वकील एपी जग्गा के द्वारा मैं नशे में धुत दो गुंडों द्वारा एक आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा कर अपहरण करने की कोशिश करने के मामले में जनहित याचिका दाखिल करने जा रहा हूं। मैं यह जनहित याचिका क्यों दाखिल करने जा रहा हूं, तो इसका जवाब यह है कि यह महिला अधिकारों और महिला सुरक्षा की बात है।
चंडीगढ़ मामले में पुलिस पर ‘पलटी मारने’ का आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि वह इस मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर अदालत की निगरानी में मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने पहले आरोपी के खिलाफ गैर जमानती अपराध दर्ज किये और फिर कि उन सभी को वापस लेकर रंगे हाथों पकड़ने के बाद उसे (आरोपी को) जाने दिया। स्वामी ने कहा इसलिए इस मामले की अदालत द्वारा निगरानी की जानी चाहिए और सीबीआई से इसे लेने को कहा जाना चाहिए। आप इस पर एसआईटी बना सकते हैं अगर आप चाहें तो या फिर कोई दूसरी एजेंसी भी। यह मेरी प्रार्थना है।
गौरतलब है कि भाजपा के आईएएस की बेटी से शुक्रवार रात साढ़े 2 बजे छेड़छाड़, पीछा करने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में पुलिस ने हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला और उसके साथी को 24 घंटे के भीतर मौके से गिरफ्तार किया फिर उन पर आपीसी की धारा 341, 365 और 511 के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन अगले कुछ ही पल में पुलिस ने धाराओं में बदलाव भी कर दिया। चंडीगढ़ ईस्ट के डीएसपी सतीश कुमार ने बयान जारी करते हुए धारा 365 और 511 को हटाने की बात कही थी।
डीएसपी ने तर्क दिया कि पीड़िता की शिकायत में अपहरण और गलत तरीके से रोकने का जिक्र नहीं है जिसके बाद उन पर दर्ज धाराओं में बदलाव किया गया है। जहां पहले आरोपियों पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई थीं वहीं बाद में उन धाराओं में बदलाव करते हुए थाने से ही उन्हें जमानत दे दी गई थी। (एजेंसी)