श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) चन्द्रयान-2 अपने निर्धारित समय दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लॉन्च हुआ। रविवार शाम 6.43 बजे से चन्द्रयान-2 के लांच की उलटी गिनती शुरू हो गई थी। पेश चन्द्रयान-2 से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स-
- इसरो ने इतिहास रचा इतिहास। चंद्रयान-2 हुआ लांच।
- अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी की नई कहानी।
- चंद्रयान-2 मिशन के डायरेक्टर ने चंद्रयान-2 के लॉन्च की इजाजत दे दी है। अब से चंद सेकंड्स 2.43 बजे चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा।
- 130 करोड़ भारतीयों के साथ ही दुनियाभर की निगाहें चन्द्रयान-2 मिशन पर।
- चंद्रयान-2 का काउंटडाउन चल रहा है। अभी तक लीक्विड ऑक्सीजन की फिलिंग पूरी हो गई है, लीक्विड हाइड्रोजन की फिलिंग जारी है।
- इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं।
- चन्द्रयान-2 को इसरो का सबसे मुश्किल मिशन माना जा रहा है। 15 जुलाई को तकनीकी परेशानी के कारण इस अभियान को रोकना पड़ा था।
- चंद्रयान के प्रक्षेपण के लिए जीएसएलवी-एमके3 का प्रयोग किया जा रहा है। इस मिशन में पहली बार लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
- चंद्रयान-2 के लॉन्च से पहले ISRO इस मिशन के बारे में पूरी जानकारी दे रहा है। चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM. की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में कुल 48 दिन लगेंगे।
- 48वें दिन चंद्रमा पर लैंडिंग होगी।
- चंद्रमा की सतह पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसकी मिट्टी का परीक्षण, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण इस मिशन के उदेश्य हैं।
- इस मिशन को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से लॉन्च किया जाएगा। जीएसएलवी को 'बाहुबली' के नाम से भी पुकारा जाता है। यह रॉकेट 44 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है। इसमें 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया है।