22 जुलाई को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र से रॉकेट बाहुबली के जरिए प्रक्षेपित किया गया चंद्रयान-2 बुधवार को चंद्रमा की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया। 7 सितंबर को यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इसरो का कहना है कि यान की सभी गतिविधियां सामान्य हैं।
खबरों के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में तीसरी बार आगे बढ़ाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। 20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था।
4 सितंबर को चंद्रयान-2 चंद्रमा के सबसे नजदीक पहुंच जाएगा। अगले 3 दिनों तक विक्रम लैंडर इसी कक्षा में चांद का चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान वैज्ञानिक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के सेहत की जांच करते रहेंगे।
7 सितंबर को चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इसके बाद भारत चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।