शिमला। हिमाचल प्रदेश से बहुत ही विचित्र मामला सामने आया है। वहां के प्रशासन ने बुधवार को बिलासपुर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के लिए पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांग लिए। हालांकि पत्रकारों के विरोध के बाद इस गलती को सुधार लिया गया। राज्य के डीजीपी संजय कुंडू ने इस पूरे मामले पर खेद व्यक्त करते हुए आदेश वापस ले लिया।
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में रैली को संबोधित करने वाले हैं। इसको लेकर पुलिस की ओर से एक आदेश जारी कर दिया और रैली का कवर करने वाले पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांगा गया। इस आदेश के बाद पत्रकारों ने विरोध स्वरूप रैली को कवर नहीं करने का निर्णय लिया तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया।
विरोध के बाद आदेश वापस : इसके बाद आनन-फानन में पुलिस महानिदेशक (DGP) कुंडू ने मंगलवार को आदेश को वापस ले लिया। दरअसल, 29 सितंबर को बिलासपुर पुलिस ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को कवर करने वाले पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र जमा करने संबंधी आदेश जारी किया था। विरोध बढ़ने के बाद डीजीपी ने ट्वीट कर कहा- एसपी बिलासपुर द्वारा लिखे गए पत्र को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस वजह से हुई असुविधा के लिए वे खेद व्यक्त करते हैं।
मोदी बुधवार को हिमाचल प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। विधानसभा चुनाव से पहले वह बिलासपुर एम्स का उद्घाटन करने के साथ ही 3 हजार 650 करोड़ रुपए से अधिक की परिजयोनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। मोदी कुल्लू के प्रसिद्ध दशहरा उत्सव में भी शामिल होंगे।
कांग्रेस ने साधा निशाना : इस बीच, कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा कि चरित्रहीन भाजपा नेता हिमाचल के चरित्रवान पत्रकारों से चरित्र प्रमाण-पत्र मांग रहे हैं।