प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क स्थित उनके बाड़े में छोड़ दिया। उन्होंने ताली बजाकर चीतों का स्वागत किया और उनकी फोटो भी खींची। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नामीबियाई चीतों के आगमन से भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना जागृत हो गई। पल पल की जानकारी...
- भारत पौधों में परमात्मा देखने वाला देश है
- एमपी के लोगों ने कभी मेरा भरोसा नहीं तोड़ा
- श्योपुर में महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में पीएम मोदी
- आज मैं मां के पास नहीं जा सका, लेकिन लाखों मांओं ने मुझे आशीर्वाद दिया
- मेरे लिए माताएं और बहने मेरी प्रेरणा का स्त्रोत हैं, मेरे लिए शक्ति हैं
- मुझे इस बात की खुशी है कि 70 साल बाद चीता भारत में लौट आया
- 70 साल बाद भारत लौटे इन मेहमानों के सम्मान में खडे होकर ताली बजाए और उनका स्वागत करें
- महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं देता हूं
- मध्यप्रदेश के लोगों पर भारत सरकार को पूरा भरोसा है, इसलिए ये चीते मध्यप्रदेश में लाए गए हैं
-पीएम मोदी ने कहा कि नामीबियाई चीतों के आगमन से भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना जागृत हो गई।
-कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
-कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा।
-पर्यावरण संरक्षण से भविष्य सुरक्षित।
-प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं। हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं।
-आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं।
-टाइगर्स की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है।
-असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है।
-हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है।
-हमारे यहां एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है।
-इसी तरह, आज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है।
-इसके पीछे दशकों की मेहनत, research-based policies और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है।
-पीएम नरेंद्र मोदी ने लिवर दबाकर चीतों को बाड़े में छोड़ा। पिंजरे से बाहर निकले चीते।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताली बजाकर चीतों का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने चीतों की फोटो भी खींची। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज भी थे साथ।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो नेशनल पार्क पहुंचे, चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ेंगे।
-पीएम मोदी ग्वालियर पहुंचे, कूनों नेशनल पार्क में चीतों के साथ मनाएंगे जन्मदिन।
-कूनो पहुंचे नामीबिया से आए चीते, पीएम मोदी कुछ ही देर में बाड़े में छोड़ेंगे।
-सभी चीते पूरी तरह सुरक्षित
-नामीबिया से लाए गए चीतों को लेकर हेलीकॉप्टर कुनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए रवाना हुआ।
-इन वन्यजीवों को ग्वालियर से वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर के जरिए श्योपुर जिले के कुनो ले जाया जा रहा है। इस 165 किलोमीटर की यात्रा में करीब 20-25 मिनट लगेंगे।
-चीतों को लेकर ग्वालियर पहुंचा विशेष विमान। हेलीकॉप्टर से पहुंचाया जाएगा कूनो नेशनल पार्क
-कुछ ही देर में नामिबिया से विशेष मालवाहक विमान के जरिए ग्वालियर पहुंचेंगे 8 चीते, यहां से हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें कूनों पहुंचाया जाएगा।
-प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली से सुबह करीब 9.20 बजे ग्वालियर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और करीब 165 किलोमीटर दूर श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के लिए रवाना होंगे।
-वह सुबह लगभग 10.45 बजे चीतों को विशेष बाड़ों में छोडेंगे।
-चीतों को छोड़ने के बाद मोदी श्योपुर जिले के कराहल में वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल होंगे और बाद में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए एक स्थानीय स्कूल पहुंचेंगे।
-कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ग्वालियर पहुंचेंगे और शहर में कुछ देर रुकने के बाद दोपहर को नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
-देश के वन्य जीवों और उनके आवास को पुनर्जीवित करने और उसमें विविधता लाने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों का यह हिस्सा है।