नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर 5 फीसदी रहने के अनुमान को लेकर बुधवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की उपेक्षा करने का और कुप्रबंधन का प्रमाण है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया कि मंगलवार को जारी की गई राष्ट्रीय आय 2019-20 के अग्रिम अनुमान भाजपा सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था की उपेक्षा और कुप्रबंधन की कहानी कहते हैं। 5 फीसदी की अनुमानित वार्षिक वृद्धि अतिशयोक्तिपूर्ण है। पहली छमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.75 फीसदी थी तो यह विश्वास करना मुश्किल है कि दूसरी छमाही में यह 5.2 फीसदी होगी?
उन्होंने दावा किया कि प्रमुख क्षेत्र 5 फीसदी से कम दर पर विकसित होंगे। वास्तव में यह 3.2 फीसदी से अधिक नहीं होगी। इनमें कृषि, खनन, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र शामिल हैं। इस प्रकार सभी रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्र 3.2 फीसदी या उससे कम की दर से ही बढ़ेंगे।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार का दावा है कि लाखों नौकरियां पैदा हो रही हैं, यह एक बड़ा जुमला है। 2019 -20 में मौजूदा कीमतों पर 'ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन' (जीएफसीएफ) 28.1 फीसदी होगा, जो हाल के वर्षों में सबसे कम है और शिखर से तीव्र गिरावट है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि व्यापारिक व्यक्ति भारत में निवेश करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति जीडीपी 4.3 फीसदी की दर से बढ़ेगी। अधिकांश भारतीयों को अपनी आय और जीवन की गुणवत्ता में बहुत कम या कोई वृद्धि दिखाई नहीं देगी।