जोशीमठ। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है।
उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क न लें। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें। इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया।जिला प्रशासन की वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने आज जोशीमठ नगर के मारवाड़ी वार्ड में घर-घर जाकर भूधंसाव स्थिति का जायजा लिया। जिन घरों में दरारें मिली हैं, उन परिवारों को तत्काल शिफ्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मारवाड़ी वार्ड में घर-घर जाकर प्रभावित लोगों से कहा कि दरार वाले भवनों में रहना असुरक्षित है। जिन भवनों में दरारें आ गई हैं, उनको खाली कर दें। प्रशासन ने होटल, होम-स्टे एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर उनके रहने की व्यवस्थाएं की हैं। यहां पर सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
जो लोग किराए पर जाना चाहते हैं, उन लोगों को 4 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से 6 महीने तक सरकार देगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी दशा में असुरक्षित भवनों में न रहें। अपर जिलाधिकारी डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी एवं संबंधित क्षेत्र के सेक्टर एवं नोडल अधिकारी भी इस दौरान उनके साथ थे।
Edited By : Chetan Gour