नई दिल्ली। केरल जैसी भयावह बाढ़ से लाखों लोगों को भारी तबाही का दंश झेलना पड़ता है। इससे बचने के लिए एक नई तकनीक विकसित कर ली गई है। इससे बारिश के प्रभाव को मॉनिटर करने में राज्य सरकारों को काफी मदद मिल सकती है।
आईएमडी के प्रमुख केजे रमेश ने कहा कि बारिश की वजह से नदियों और जलाशयों के जलस्तर में बढ़ोतरी के आकलन के लिए एक नई तकनीक विकसित की गई है और इससे राज्य सरकारों को बारिश के प्रभाव का बारीकी से अध्ययन करने का मौका मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को ‘प्रभाव आधारित पूर्वानुमान दृष्टिकोण’ कहा गया है जो दिखाता है कि घटना-पूर्व परिदृश्य अधिकारियों को वास्तविक समय में निर्णय लेने में मदद करता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में रमेश ने कहा, 'हमें ऐसा परिदृश्य पैदा करने में सक्षम होना चाहिए जहां हम यह फैसला ले सकें कि हमें पानी छोड़ना है या नहीं छोड़ना है।
उन्होंने कहा कि इससे हर राज्य प्राधिकार को फैसला लेने में मदद मिलेगी। इस इस प्रणाली का संचालन घटना-पूर्व परिदृश्य के तौर पर कर सकते हैं। हम अब इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सेवा के लिए करने में सक्षम हैं।