जम्मू। ऐसे में जबकि देश कारगिल विजय दिवस की 22वीं सालगिरह मना रहा है, लद्दाख के मोर्चे से बुरी खबर यह है कि कथित चीनी नागरिकों ने दमचोक इलाके में कई स्थानों पर टेंट गाड़ दिए हैं। भारत द्वारा उन्हें हटने की चेतावनी दिए जाने के बावजूद वे अभी भी वहीं टिके हुए हैं।
मुख्यबिंदु
-
दमचोक इलाके में कई स्थानों पर गाड़े टेंट
-
भारत ने दी हटने की चेतावनी
-
आज होनी थी सेनाओं की वापसी पर वार्ता
लद्दाख के मोर्चे पर दोनों सेनाओं की वापसी की खातिर होने वाली 12वें दौर की वार्ता सोमवार को होनी थी पर कारगिल विजय दिवस समारोह के कारण भारतीय सेना के आग्रह पर अब इसे आगे खिसका दिया गया है। तब तक यही आशंका है कि दमचोक में टेंट गाड़ने वाले कथित चीनी नागरिक वहीं टिके रहेंगें।
सेना सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों ने दमचोक में घुसपैठ की है। हालांकि चीनी सेना उनकी घुसपैठ को घुसपैठ नहीं मानती क्योंकि एलएसी पर दोनों मुल्कों के बीच जो 10 विवादाग्रस्त इलाके हैं, दमचोक भी उनमें से एक है। एक सूत्र का कहना था कि ऐसे में इन टेंटों को उखाड़ने की जबरी कार्रवाई नहीं की जा सकती। इतना जरूर था कि अधिकारी दावा करते थे कि टेंट गाड़ने वालों में चीनी खानाबदोशों के अतिरिक्त पीएलए के सैनिक नागरिकों के भेष में हैं।
जानकारी के मुताबिक इस संबंध में हॉटलाइन पर दोनों मुल्कों के सेनाधिकारियों के बीच बात तो हुई है पर भारतीय सेना फिलहाल इस इलाके में इसलिए नहीं जा पा रही है क्योंकि विवादित क्षेत्रों में पिछले एक साल से भारतीय सेना की गश्त पर लगा प्रतिबंध अभी भी जारी है।
अनुमानतः 10 के करीब ऐसे विवादित क्षेत्र पहले से ही थे और पिछले साल चीनी सेना द्वारा लद्दाख के मोर्चे पर कई किमी तक भारतीय इलाके में घुसपैठ कर लिए जाने के बाद ऐसे आधा दर्जन के करीब और इलाके विवादाग्रस्त घोषित कर दिए गए।