दुनियाभर में फैली कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी और गलवान घाटी में तनाव के बाद भारत की ओर से सख्त कदम उठाए गए हैं। इस बीच भारतीय बाजार में चीनी स्मार्टफोन की बिक्री में भारी गिरावट आ गई है। पिछली तिमाही में चीनी स्मार्टफोन ब्रांड की जो हिस्सेदारी 81 फीसदी थी, वह घटकर अप्रैल-जून तिमाही में 72 फीसदी रह गई है।
देश में कोरोना काल से पहले स्मार्टफोन बाजार पर ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसे चीनी ब्रांड का दबदबा था, लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में इनकी बाजार हिस्सेदारी घट गई है। इसकी बड़ी वजह अप्रैल और मई में कोविड-19 की वजह से देशभर में लगा लॉकडाउन रही।
इसके अलावा सरकार ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं जिसमें 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाना और चीन से आयात होने वाले सामान की सीमा पर अधिक जांच इत्यादि शामिल है। भारत द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद कुछ कंपनियों को लगता है कि अगर यह स्थिति और खराब हुई तो अगली गाज उन्हीं पर गिरेगी।
गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव के बाद से देश में चीन विरोधी माहौल है। शाओमी, ओप्पो, वीवो, रियलमी और वन प्लस जैसी चीनी कंपनियों का भारत के कुल स्मार्टफोन बाजार में करीब 80 फीसदी कब्जा है। हालांकि मौजूदा आपूर्ति और भू-राजनीतिक संकट के कारण यह गिर सकता है।
गौरतलब है कि चीनी कंपनी वीवो भारत में करीब 7,500 करोड़ रुपए के निवेश की योजना बना रही थी। ओप्पो भी 6 अन्य कंपनियों के साथ ग्रेटर नोयडा में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) लगाने वाली थी।