जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार का समर्थन कर रहे विधायकों के साथ शुक्रवार दोपहर को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। कोरोनावायरस की वजह से राज्यपाल ने विशेष सत्र बुलाने से मना किया।
जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये विधायक बसों से अपराह्र लगभग ढाई बजे राजभवन पहुंचे। ये विधायक विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से सामूहिक आग्रह करने पहुंचे। माकपा के विधायक बलवान पूनियां और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी इनमें शामिल थे।
मुलाकात के बाद राज्यपाल ने यह कहते हुए विधानसभा सत्र बुलाने से इनकार कर दिया कि कई विधायक कोरोना पॉजिटिव है। इस पर कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में ही प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की।
इससे पहले गेहलोत ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि राज्यपाल का यही रवैया रहा देश की जनता राजभवन को घेरने आ जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक राज्यपाल से मिलकर विधानसभा का सत्र बुलाए जाने का आग्रह करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के इशारे पर हमारे विधायकों को बंधक बनाया गया है। हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है। हाईकोट के आदेश के बाद गहलोत ने कहा कि देश में निचले स्तर की राजनीति हो रही है। कई बंधक विधायक बीमार हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच सूत्रों का मानना है कि एक होटल में काफी समय से ठहरे विधायकों का गहलोत पर यह दबाव है कि राजभवन में विधायकों की परेड कराई जाए ताकि बहुमत साबित हो सके।
इस बीच, गहलोत लगातार बहुमत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अदालती कार्रवाई पर केंद्र सरकार की भूमिका के मद्देनजर वह बहुमत साबित करने के मामले में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।
उल्लेखनीय है कि राज्य में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच मुख्यमंत्री गहलोत हफ्ते भर में तीन बार राज्यपाल से मुलाकात कर चुके हैं।