जयपुर। राजस्थान (Rajasthan Political Crisis) में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने में जान-बूझकर देरी की जा रही है। राज्यपाल कलराज मिश्र पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद गेहलोत विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे।
जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये विधायक बसों से अपराह्र लगभग ढाई बजे राजभवन पहुंचे। ये विधायक विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से सामूहिक आग्रह करने पहुंचे हैं। माकपा के विधायक बलवान पूनियां और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी इनमें शामिल हैं।
इससे पहले गेहलोत ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि राज्यपाल का यही रवैया रहा देश की जनता राजभवन को घेरने आ जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक राज्यपाल से मिलकर विधानसभा का सत्र बुलाए जाने का आग्रह करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के इशारे पर हमारे विधायकों को बंधक बनाया गया है। हमारे खिलाफ साजिश रची जा रही है। हाईकोट के आदेश के बाद गहलोत ने कहा कि देश में निचले स्तर की राजनीति हो रही है। कई बंधक विधायक बीमार हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच सूत्रों का मानना है कि एक होटल में काफी समय से ठहरे विधायकों का गहलोत पर यह दबाव है कि राजभवन में विधायकों की परेड कराई जाए ताकि बहुमत साबित हो सके।
इस बीच, गहलोत लगातार बहुमत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अदालती कार्रवाई पर केंद्र सरकार की भूमिका के मद्देनजर वह बहुमत साबित करने के मामले में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।
विधायक बंधक बनाए, हमारे खिलाफ षड्यंत्र कर रही है। राज्यपाल का अब तक जवाब नहीं आया। सभी विधायक राज्यपाल से आग्रह करेंगे। अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद कहा। विधानसभा सत्र बुलाने के लिए चिट्ठी लिखी। देशभर में निचले स्तर की राजनीतिक हो रही है। कई बंधक बनाए गए विधायक बीमर हैं। पूरे देश की जनता राजभवन को घेरने आ जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। विधानसभा का सत्र बुलाएं। अब तक जवाब नहीं आया