नई दिल्ली। चिटफंड घोटालों पर अंकुश लगाने और छोटे निवेशकों की रक्षा के लिए चिटफंड संशोधन विधेयक 2019 पर गुरुवार को संसद की मुहर लग गई।
राज्यसभा ने चिटफंड कानून 1982 में संशोधन लेने वाले इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने 2 दिन पहले शुरू हुई बहस के बाद आज करीब एक घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे एवं गरीब निवेशकों को ध्यान में रखते हुए समावेशी वित्तीय व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है।
इस विधेयक में व्यक्तिगत निवेशकों को एक लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए तक राशि जमा करने का प्रावधान बनाया गया है, जबकि कंपनियों को 13 लाख से बढ़ाकर 18 लाख रुपए की राशि जमा करने का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा फोरमैन का कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले चर्चा में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोझ झा, कुमार केलकर और भाजपा के शिव प्रसाद शुक्ल, अनिल अग्रवाल, जीवीएल नृसिंम्हा राव आदि ने भाग लिया।