नई दिल्ली। भारत ने ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई है जिसे 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के सिलसिले में पिछले महीने यूएई से यहां लाया गया था। मिशेल को दिसंबर के प्रथम सप्ताह में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद ब्रिटिश उच्चायोग ने उसे राजनयिक पहुंच दिलाने की मांग की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि मिशेल को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई गई है। हमें पिछले महीने अनुरोध प्राप्त हुआ था जिसके आधार पर ब्रिटिश उच्चायोग के एक द्वितीय सचिव स्तर के अधिकारी ने क्रिश्चियन मिशेल से मुलाकात की। मिशेल को गुरुवार को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई।
मिशेल की उसके परिजनों और विदेश में वकील से फोन पर बात कराने की दिल्ली उच्च न्यायालय में गुरुवार को दाखिल याचिका के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि हमने पहले भी बताया है कि उसे उसके परिवार वालों से बातचीत की इजाजत दी गई है। मैंने वो याचिका नहीं देखी है, जो उसने इस मामले में (अब) दाखिल की है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि अगर ब्रिटिश उच्चायोग अनुरोध करता है कि उसे और अधिक बातचीत करने की अनुमति दी जाए तो इस पर विचार किया जा सकता है।
मिशेल (57) को हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद भारत लाया गया था। फिलहाल वह यहां तिहाड़ जेल में बंद है। मिशेल उन 3 बिचौलियों में शामिल है जिनसे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में पूछताछ कर रहे हैं। 2 अन्य गुइदो हेश्के और कार्लो गेरोसा हैं। मिशेल ने आरोपों से इंकार किया है।
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दाखिल अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से 3 करोड़ यूरो (करीब 225 करोड़ रुपए) हासिल किए थे। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि सौदे में राजकोष को 39.82 करोड़ यूरो (करीब 2,666 करोड़ रुपए) का अनुमानित नुकसान होने की बात कही गई है। 55.62 करोड़ यूरो के वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए सौदे पर 8 फरवरी, 2010 को दस्तखत हुए थे।