नई दिल्ली। स्वच्छता मिशन के तहत साफ-सफाई पर एक रुपए खर्च करने पर लोगों को बीमारी की रोकथाम आदि से सवा चार रुपए की बचत हो रही है।
यह जानकारी यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारी निकोलस ओसबर्ट ने सोमवार को यहां 'स्वच्छता ही सेवा' पर आयोजित एक समारोह में यह जानकारी दी। समारोह की अध्यक्षता पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने की।
ओसबर्ट ने बताया कि भारत के 12 राज्यों के दस हजार परिवारों में किए गए सर्वेक्षण से इस बात का पता लगा है कि स्वच्छता अभियान पर यदि एक रुपया खर्च किया जाता है तो एक परिवार को चार रुपए 30 पैसे की बचत होती है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता मिशन के आर्थिक प्रभाव पर किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि खुले में शौच से मुक्त गांवों एवं कस्बों में साफ-सफाई के कारण बीमारियां कम होती हैं, जिससे दवा, चिकित्सा पर खर्च कम होता है तथा मृत्यु दर भी कम होती है। इससे औसतन एक परिवार की हर वर्ष 50 हजार रुपए की बचत होती है।
अय्यर ने कहा कि भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा किए गए एक लाख 40 हजार परिवारों के सर्वेक्षण से पता लगा है कि 91 प्रतिशत लोग शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं। (वार्ता)