नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में शनिवार को सुरक्षाबलों पर हमले के बाद एक कोबरा कमांडो का अपहरण करने के नक्सलियों के दावे का सुरक्षा एजेंसियां सत्यापन कर रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह बात कही। नक्सलियों द्वारा शनिवार को घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 22 जवान शहीद हो गए थे और 31 अन्य घायल हुए थे।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उनके पास यह मानने का कारण है कि रविवार की शाम तथाकथित माओवादी समूह द्वारा बीजापुर के एक पत्रकार को फोन पर किया गया यह दावा सच है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम अभी तक 210वीं कोबरा बटालियन के कमांडो राकेश्वर सिंह मिन्हास का पता नहीं लगा सके हैं, हालांकि उनके अपहरण के नक्सलियों के दावे की पुष्टि के लिए हमारे पास ठोस सबूत नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों की कई इकाइयां अभी भी जंगलों में हैं और वे जम्मू निवासी कमांडो की तलाश कर रही हैं तथा नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। कांस्टेबल मिन्हास शनिवार की सुबह नक्सलरोधी अभियान पर गई टुकड़ी का हिस्सा थे, वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उनका सहयोगी हमले में शहीद हो गया है। कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) सीआरपीएफ की 2009 में गठित विशेष इकाई है जिसका काम खुफिया सूचनाओं के आधार पर माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाना है।
नक्सलियों द्वारा शनिवार को किए गए हमले में 22 जवान शहीद हुए हैं जिनमें 7 कोबरा कमांडो सहित सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के 8 जवान, डीआरजी के 8 जवान, विशेष कार्यबल के 5 जवान और बस्तरिया बटालियन का एक जवान शामिल है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य के पुलिस अधिकारी इस हमले के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए जगदलपुर में हैं। (भाषा)