Swati Maliwal case: कोर्ट ने लिया बिभव कुमार के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान
आरोप पत्र में करीब 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए
Swati Maliwal assault case: दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) से कथित तौर पर मारपीट किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सहयोगी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) के खिलाफ दायर 500 पन्नों के आरोप पत्र पर संज्ञान लिया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने अंतिम रिपोर्ट पर संज्ञान लिया और मामले को 24 अगस्त को दस्तावेजों की पड़ताल के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोप पत्र की एक प्रति कुमार को भी दी जाए जिन पर 13 मई को यहां मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर आप की सांसद मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने 16 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था।
आरोप पत्र में करीब 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए : इससे पहले अभियोजन पक्ष ने अवगत कराया था कि 500 पन्नों के आरोप पत्र में करीब 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। इसने था कि अंतिम रिपोर्ट भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दायर की गई है जिसमें धारा 201 (अपराध के साक्ष्य को गायब करना), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 354 बी (महिला का वस्त्र हरण करने के इरादे से उसके खिलाफ बल प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी भी शब्द, हाव-भाव या वस्तु का उपयोग करके महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) शामिल हैं।
अदालत के सूत्रों ने बताया कि आरोप पत्र में केजरीवाल के आधिकारिक आवास से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (एनवीआर) के साथ-साथ कुमार का मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी साक्ष्य के तौर पर संलग्न किया गया है। दिल्ली के सिविल लाइंस थाने में 16 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी और आरोपी कुमार की गिरफ्तारी 18 मई को हुई थी। उन्हें उसी दिन मजिस्ट्रेट अदालत ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने साथ ही टिप्पणी की कि कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी उनकी गिरफ्तारी के बाद अप्रभावी हो गई है। अदालत ने 24 मई को उन्हें 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था और उसके बाद फिर से तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। महिला अपर पुलिस उपायुक्त स्तर की अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम पूरे प्रकरण की जांच कर रही है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta