नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी के 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाने के फैसले पर देश की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा कांग्रेस को एंटी हिंदू कह रही है तो कांग्रेस ने भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी के इन दावों के लिए उन्हें आड़े हाथ लिया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के जुड़ाव का विरोध किया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी ने एक तरह से सोमनाथ मंदिर पर पंडित नेहरू के कुछ पत्र हवा में लहराए हैं। ये पत्र और तत्कालीन गृह मंत्री राजगोपालाचारी एवं राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को लिखे नेहरू के अनेक पत्र सार्वजनिक हैं और ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, 'त्रिवेदी ने जो कहा है, उसमें कोई नया खुलासा नहीं हुआ है। नेहरू पूरी तरह पारदर्शी थे और अपने पीछे लिखित दस्तावेज छोड़ गए जो उन्होंने खुद लिखे थे। इस विषय पर ये कुछ पत्राचार हैं जिन्हें त्रिवेदी ने नहीं दिखाया।'
कांग्रेस ने नेहरू के 11 मार्च, 1951 को तत्कालीन गृह मंत्री सी राजगोपालाचारी को लिखे गए पत्र को साझा किया है।
नेहरू ने इसके बारे में लिखा था कि मैंने उन्हें लिखा कि उनके इस मंदिर या किसी अन्य मंदिर या किसी अन्य पूजा स्थल पर सामान्य तरीके से जाने में बिल्कुल भी आपत्ति नहीं है, लेकिन मंदिर के उद्घाटन के इस विशेष मौके पर जाने का अलग प्रभाव होगा।
उन्होंने लिखा था कि राष्ट्रपति भी इस समारोह से जुड़ने को उत्सुक हैं और मुझे नहीं पता कि क्या मेरे लिए इस बात पर जोर देना अपेक्षित है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेताओं ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाने संबंधी कांग्रेस नेताओं के फैसले को बड़ा मुद्दा बना दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर चौतरफा हमले करते हुए इसे एंटी हिंदू बताया। आरोप है कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की खातिर निमंत्रण ठुकरा दिया। यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। यह जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस है जो हिंदू धर्म के खिलाफ है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस हमेशा से हिंदुत्व के खिलाफ रही है। सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबू राजेंद्र प्रसाद और केएम मुंशी द्वारा किया गया था। उस समय जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री थे। वह सोमनाथ नहीं गए। ऐसे में कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व अयोध्या कैसे जा सकता है।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से ही पार्टी का हिंदू विरोधी रवैया रहा है।
रेड्डी ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के शामिल होने का विरोध किया था।
Edited by : Nrapendra Gupta