नई दिल्ली। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे ने भारत में बेरोज़गारी की दर 2017-18 में 6.1 फीसदी रिकॉर्ड की है जो कि पिछले 45 सालों में सबसे ज्यादा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, हफ्ते नेशनल स्टेटिस्टिकल कमीशन के दो सदस्यों ने कथित रूप से सरकार द्वारा रिपोर्ट को पब्लिश न किए जाने के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यह रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
मोदी सरकार द्वारा 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद बेरोजगारी को लेकर यह पहला सर्वे है। इस सर्वे के लिए आंकड़े जुलाई 2017 से जन 2018 के बीच लिए गए हैं।
कांग्रेस ने लगाया यह गंभीर आरोप : कांग्रेस ने 'नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस' (एनएसएसओ) के आंकड़ों का हवाला देते हुए गुरुवार को दावा किया कि बेरोजगारी की दर पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा होने से जुड़े आंकड़े सरकार छिपा रही है और इसी वजह से राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो स्वतन्त्र सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एनएसएसओ के आंकड़े पर आधारित एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'मोदी जी, बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज़्यादा! इसीलिए आप डेटा छिपा रहे थे। इसीलिए सांख्यिकी आयोग में इस्तीफे हुए।' उन्होंने कहा, 'वादा था हर साल 2 करोड़ नौकरियों का, पर आपकी सरकार ने तो नौकरियाँ ख़त्म करने का रिकॉर्ड बना दिया।'
सुरजेवाला ने कहा, 'देश को नहीं चाहिए, युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार।' उन्होंने जो खबर शेयर की है उसमें दिए गए एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही जो पिछले 45 वर्षों के दौरान उच्चतम स्तर है।