नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर एनएसजी मामले को लेकर ‘अनुपयुक्त उत्साह’ पैदा किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ईमानदार नहीं रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को एनएसजी में भारत के प्रवेश को बाधित करने के चीन के रुख से निपटना चाहिए। यह अंतरराष्ट्रीय समूह परमाणु ईंधन और प्रौद्योगिकी पर नियंत्रण रखता है।
शर्मा ने कहा कि चीन ने अब एक रुख अख्तियार किया है और सरकार को इससे पार पाना चाहिए और अनुपयुक्त उत्साह पैदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईमानदार नहीं रहे हैं। प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के दावों के विपरीत एनएसजी की पहले की बैठकों में भारत की सदस्यता संबंधी आवेदन एजेंडे में नहीं था। सरकार को अब इस बात पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब एनएसजी ने भारत को 2008 में छूट दी थी तो बड़ी संख्या में सदस्य देशों ने इसे समर्थन दिया था और वही देश आज भी उसे समर्थन दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि यह नया घटनाक्रम है, तो ऐसा नहीं है। भारत का आवेदन वहां था। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी सभी ने 2008 में हमें समर्थन दिया था। अब यह भारत की औपचारिक सदस्यता का सवाल है। (भाषा)