नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की पुत्री गोवा में गैरकानूनी बार चला रही हैं। मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह भी आग्रह किया कि वह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री को बर्खास्त करें। स्मृति ईरानी की पुत्री की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है।
केंद्रीय मंत्री की पुत्री के वकील कीरत नागरा ने एक बयान में कहा कि उनकी मुवक्किल 'सिली सोल्स' नामक रेस्टोरेंट की न तो मालकिन हैं और न ही इसका संचालन करती हैं तथा किसी प्राधिकार की तरफ से उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस भी नहीं मिला है।
नागरा ने कहा कि निहित स्वार्थ वाले कई लोगों द्वारा गलत, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट किए जा रहे हैं, जो उनकी मुवक्किल की मां, प्रतिष्ठित नेता स्मृति ईरानी के साथ राजनीतिक स्वार्थ साधने का प्रयास कर रहे हैं।
वकील ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे लोग सिर्फ इसलिए दुष्प्रचार कर रहे हैं ताकि तथ्यों की जांच-परख किये बिना मुद्दाविहीन बात को सनसनी बनाकर पेश किया जा सके और वे मेरी मुवक्किल को सिर्फ इसलिए बदनाम करने पर आमादा हैं कि वह एक नेता की पुत्री हैं।
कांग्रेस ने एक कागजात जारी करते हुए दावा किया कि आबकारी विभाग की ओर से स्मृति ईरानी की पुत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और जिस अधिकारी ने नोटिस दिया था उसका कथित तौर पर तबादला किया जा रहा है।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। गोवा में उनकी बेटी द्वारा चलाए जा रहे रेस्टोरेंट पर शराब परोसने के लिए फ़र्ज़ी लाइसेंस जारी करवाने का आरोप लगा है।
उन्होंने कहा कि यह कोई सूत्रों के हवाले से अथवा एजेंसियों द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए लगाया गया आरोप नहीं है, बल्कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी में खुलासा हुआ है।
उन्होंने दावा किया, 'केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी ने अपने सिली सोल्स कैफे एंड बार के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ देकर 'बार लाइसेंस' जारी करवाए।'
कांग्रेस नेता के अनुसार, '22 जून 2022 को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए जिस 'एंथनी डीगामा' के नाम से आवेदन किया गया, जबकि उनकी पिछले साल मई में ही मौत हो चुकी है। एंथनी के आधार कार्ड से पता चला है कि वे मुंबई के विले पार्ले के निवासी थे। आरटीआई के तहत सूचना मांगने वाले वकील को इनका मृत्यु प्रमाण-पत्र भी मिला है।'
खेड़ा ने दावा किया कि दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि बार लाइसेंस के लिए आवश्यक रेस्तरां लाइसेंस के बिना ही बार लाइसेंस जारी किए गए।
राहुल गांधी पर ईरानी के हमले के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में खेड़ा ने कहा कि समाचार पत्र चलाने जैसे अच्छे काम की तुलना गोवा में गैर-कानूनी बार चलाने से कतई नहीं की जा सकती। उन्होंने पूछा कि क्या यह सब उनकी (ईरानी की) जानकारी के बिना हो रहा था और क्या लाइसेंस बिना उनके प्रभाव के मिल गया होगा?