नई दिल्ली। फ्रांस पोर्टल के राफेल घोटाले में 65 करोड़ की रिश्वत संबंधी खुलासे के बाद देश में बवाल मच गया। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाएं हैं।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इटली से राहुल गांधी जी जवाब दें - राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों किया? आज ये खुलासा हुआ है कि उन्हीं की सरकार में पार्टी ने 2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम भी सामने आया है।
पात्रा ने कहा कि राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी, बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। ये पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनावों से पहले विपक्षी दलों ने, खासकर कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से एक झूठा माहौल बनाने की चेष्टा राफेल को लेकर किया था वो हम सभी ने देखा था। उनको लगता था कि इससे उनको कोई राजनीतिक फायदा होगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कालेधन की सफाई का जुमला देकर भाजपा ने पूरे देश को लाइन में लगा दिया था। लेकिन, भाजपा राज में काली कंपनियों को सफेद बनाने और काले कारनामों को छुपाने जैसे कामों की लाइन लगी हुई है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले में मोदी सरकार को घेरते हुए राफेल को देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला करार दिया।