जम्मू/ नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत 'जी-23' के नेता शनिवार को यहां एक मंच पर एकत्र हुए और उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आए हैं। कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को 'जी-23' भी कहा जाता है।
सिब्बल ने महात्मा गांधी को समर्पित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह सच बोलने का मौका है और मैं सच बोलूंगा। हम यहां क्यों इकट्ठे हुए हैं? सचाई यह है कि हम देख सकते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है। हम पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें एक साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करना है। इस कार्यक्रम में समूह (जिसे अब जी-23 कहा जाता है) के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर जैसे कई अन्य कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए।
इन नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव करने के साथ ही पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग की थी। कांग्रेस नेताओं ने आजाद के योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की।
सिब्बल ने कहा कि वे यह समझने में असमर्थ हैं कि पार्टी उनके जैसे व्यक्ति के अनुभव का उपयोग क्यों नहीं कर रही है? आजाद का हाल में संसद के उच्च सदन राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हुआ था। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। आजाद ने कहा कि वे राज्यसभा से सिर्फ रिटायर हैं, राजनीति से नहीं।
जम्मू बैठक के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस ने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ और उच्च सम्मानित सदस्य हैं और कांग्रेस के लिए उनका सबसे बेहतरीन योगदान पांच चुनावों वाले राज्यों में उनका सक्रिय होना और पार्टी को मजबूत करना होगा। हालांकि, पार्टी ने कांग्रेस के 'कमजोर पड़ने' को लेकर नेताओं की चिंता पर टिप्पणी नहीं की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शर्मा ने बिना नाम लिए पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए जम्मू में कहा कि वहां मौजूद कोई भी नेता शॉर्टकट के जरिए पार्टी में नहीं आया है और किसी को यह बताने का अधिकार नहीं है कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि एक पार्टी ओहदा दे सकती है लेकिन नेता वही बनते हैं जिनको लोग मानते हैं। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस में दो तरह के लोग हैं। उन्होंने कहा कि कुछ जो कांग्रेस में हैं और दूसरे आजाद जैसे हैं जिनके अंदर कांग्रेस है।
आनंद शर्मा ने कहा कि आज हम जहां हैं, वहां पहुंचने के लिए हम सभी ने बहुत लंबा रास्ता तय किया है। हम ऊपर से नहीं आए हैं, खिड़की या रोशनदान के माध्यम से, हम सभी दरवाजे से चलकर आये हैं। हम छात्रों के आंदोलन और युवा आंदोलन के माध्यम से आए हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने किसी को मुझे यह बताने का अधिकार नहीं दिया कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं। किसी को यह अधिकार नहीं है। हम इसे मजबूत बनायेंगे। जब कांग्रेस मजबूत होगी तो इससे देश का मनोबल भी बढ़ेगा। यह पहली बार है जब असंतुष्टों ने सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है।
शर्मा ने कहा किमुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है, एक संगठन आपको एक ओहदा दे सकता है। कांग्रेस आपको पदाधिकारी बना सकती है लेकिन हर पदाधिकारी नेता नहीं बन सकता है। केवल वहीं नेता बन जाते हैं, जिन्हें लोग मानते हैं। हुड्डा ने कहा कि जब कांग्रेस और विपक्ष मजबूत होंगे, तभी देश मजबूत होगा।
सिब्बल ने कहा कि वे यहां कांग्रेस पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आए है। उन्होंने कहा, कि हम उन लोगों से वादा करते हैं जो यहां बैठे हैं और कई और लोग जो बाहर हैं और हमारा समर्थन करते हैं, कि हम पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश के हर जिले में कांग्रेस मजबूत हो। हम नहीं चाहते कि कांग्रेस कमजोर हो क्योंकि अगर कांग्रेस कमजोर होगी तो देश कमजोर होगा। देश और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जो भी आवश्यक होगा हम त्याग करेंगे।
चुनावी राज्यों में प्रचार कर अपनी पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाएं : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि ग्रुप ऑफ 23 में शामिल नेता पार्टी के सम्मानित सदस्य हैं, जिन पर पार्टी को गर्व है। हालांकि, पार्टी ने इन नेताओं को चुनावी राज्यों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने और वहां प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते हुए इसके प्रति अपनी निष्ठा प्रदर्शित करने की सलाह दी।
कांग्रेस की यह सलाह जम्मू में एक गैर-राजनीतिक रैली को संबोधित करने गए ग्रुप ऑफ 23 (तेईस नेताओं के समूह) के कुछ सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया में आई है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जो-जो लोग रैली को संबोधित करने जम्मू गए हैं, जिन्होंने भाषण दिए हैं, वे बहुत ही सम्मानित और आदरणीय व्यक्ति है। कांग्रेस उन सबका बहुत आदर करती है और हमे गर्व है कि उनके बहुत लंबा जीवन (समय) कांग्रेस पार्टी में बीता है। वे सभी हमारे कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी यह समझती है कि जब 5 राज्यों में (विधानसभा) चुनाव हो रहे हैं, जिसमें कांग्रेस संघर्ष कर रही है तो ज्यादा उपयुक्त होता कि आजाद सहित सभी नेता इन प्रांतों में प्रचार करते और कांग्रेस का हाथ मजबूत करते तथा पार्टी को आगे बढ़ाते। उन्होंने कहा कि सच्ची निष्ठा कांग्रेस के प्रति तभी होती, जब (ये) सभी लोग चुनावी राज्यों में प्रचार कर पार्टी को मजबूत करते।(भाषा)