KOMUL recruitment scam case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक में साल 2023 में कोलार-चिक्काबल्लापुर जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (Komul) में भर्ती में अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में कांग्रेस विधायक केवाई नानजेगौड़ा की 1.32 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। भर्ती प्रक्रिया कोमुल ने पूरी की थी, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार शामिल थे तथा पैसे और/या राजनीतिक व्यक्तियों की सिफारिश के बदले अभ्यर्थियों को इसमें अनुचित लाभ पहुंचाया गया था। ईडी ने आरोप लगाया कि नानजेगौड़ा और केएन गोपाल मूर्ति (कोमुल के प्रबंध निदेशक) के नेतृत्व वाली भर्ती समिति ने संगठन के अन्य निदेशकों के साथ साजिश रची। कोलार जिले की मालूर सीट से विधायक नानजेगौड़ा कोमुल के चेयरमैन हैं।
ईडी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि कोलार जिले की मालूर सीट से विधायक नानजेगौड़ा कोमुल के चेयरमैन हैं। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया कोमुल ने पूरी की थी, जिसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार शामिल थे तथा पैसे और/या राजनीतिक व्यक्तियों की सिफारिश के बदले अभ्यर्थियों को इसमें अनुचित लाभ पहुंचाया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि नानजेगौड़ा और केएन गोपाल मूर्ति (कोमुल के प्रबंध निदेशक) के नेतृत्व वाली भर्ती समिति ने संगठन के अन्य निदेशकों के साथ साजिश रची और एक योजना बनाई, जिसके तहत कुछ कम योग्य उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया गया और योग्य उम्मीदवारों को नौकरी से वंचित किया गया।
जांच एजेंसी ने कहा कि नानजेगौड़ा की 1.32 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया। ईडी ने इन अनियमितताओं की जांच जनवरी में नानजेगौड़ा और कुछ अन्य के खिलाफ 150 करोड़ रुपए कीमत की सरकारी भूमि के अवैध आवंटन से जुड़े एक अन्य मामले में छापेमारी के बाद शुरू की थी।
एजेंसी ने कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस को कोमुल भर्ती में अनियमितताओं का संदर्भ दिया और सांसद/विधायक मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित विशेष अदालत के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई। ईडी ने कहा कि उसने तलाशी के दौरान मूल और छेड़छाड़ की गई, दोनों ओएमआर शीट जब्त कीं, साथ ही उसे नेताओं के कुछ उम्मीदवारों की सिफारिश करने वाले व्हाट्सऐप संदेश और नानजेगौड़ा तथा अन्य निदेशकों द्वारा कोमुल के कर्मचारियों को भेजे गए संदेश भी मिले।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि कोमुल और मैंगलोर विश्वविद्यालय में पूरी भर्ती प्रक्रिया में प्रक्रियागत खामियां पाई गईं, जो अनियमितताओं को छिपाने के प्रयासों का संकेत है। ईडी ने यह भी दावा किया कि कोमुल के निदेशकों और कर्मचारियों, मैंगलोर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नागेंद्र प्रसाद और परीक्षा में शामिल कुछ उम्मीदवारों से पूछताछ में 2023 के दौरान कोमुल भर्ती में एक बड़े घोटाले का पता चला है।
जांच एजेंसी ने कहा कि लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के दौरान भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता करके अपराध की आय के रूप में 1,56,50,000 रुपए की राशि अर्जित की गई। उसने कहा कि उम्मीदवारों को कोमुल में उनके चयन का आश्वासन देकर उनसे मौद्रिक लाभ हासिल किया गया। ईडी ने कहा कि नानजेगौड़ा इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार के रूप में उभरे और उन्होंने कोमुल के चेयरमैन के रूप में अपनी भूमिका का लाभ उठाते हुए समग्र भर्ती को नियंत्रित किया।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि बयानों और साक्ष्यों से पता चलता है कि नानजेगौड़ा ने आरक्षित सीटों की संख्या तय करने, रिश्वत लेने के तरीके की योजना बनाने और लिखित परीक्षा की ओएमआर शीट एवं साक्षात्कार के अंकों में हेरफेर करने का निर्देश देने में अग्रणी भूमिका निभाई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिफारिश वाले या भुगतान करने वाले उम्मीदवारों का चयन हो। ईडी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक ने खुद के लिए अवैध रूप से 80 लाख रुपए (कुल 1.56 करोड़ रुपए की आय में से) की संपत्ति अर्जित की। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour