नई दिल्ली। राहुल गांधी के करीबी और यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। प्रसाद को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भाजपा की सदस्यता दिलाई।
सोच-समझकर लिया फैसला : यूपीए सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद ने कहा कि उन्होंने यह फैसला बहुत ही सोच-समझकर लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के नाम पर कोई दल है तो वह भाजपा है। बाकी सभी दल व्यक्ति के नाम पर चलते हैं। प्रसाद ने कहा कि वे कांग्रेस में रहकर जनता की सेवा नहीं कर पा रहे थे।
पीएम मोदी की तारीफ करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी राष्ट्र निर्माण में जुटे हैं। आज से उनके जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के बाद नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया।
बताया जा रहा है कि प्रसाद पिछले काफी समय से यूपी कांग्रेस के नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि जितिन बहुत पहले भाजपा में शामिल हो जाते, लेकिन प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के चलते रुक गए थे। यूपी में पहले से ही कमजोर चल रही कांग्रेस जितिन के भाजपा में जाने से और कमजोर होगी।
भाजपा की इस कोशिश को यूपी के ब्राह्मणों को साधने की कोशिश भी माना जा रहा है। यूपी में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 10 फीसदी के करीब है। बीते साल ही जितिन प्रसाद ने अपनी अगुवाई में ब्राह्मण चेतना परिषद नाम से संगठन स्थापित किया था। ऐसा भी कहा जा रहा है कि जितिन के बाद और यूपी के और भी ब्राह्मण नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि बंगाल में भाजपा ने चुनाव से पहले कई टीएमसी नेताओं को पार्टी में शामिल किया था, हालांकि उन्हें वहां अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। सीटें जरूर तुलनात्मक रूप से काफी बढ़ गई थीं।