नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को फैसला किया कि वह संसद के मानसून सत्र में राफेल विमान सौदे की फ्रांस में हो रही जांच, कोरोना महामारी, टीकाकरण की 'धीमी गति', किसान आंदोलन, महंगाई और कुछ अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरेगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई पार्टी के संसदीय रणनीति संबंधी समूह की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी की संसदीय टीम में किसी तरह के बदलाव का संकेत नहीं दिया गया और अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में पार्टी के नेता बने रहेंगे। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चा थी कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को हटाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार संसदीय रणनीति संबंधी समूह की इस बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उपनेता आनंद शर्मा, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, के. सुरेश और मणिकम टैगोर शामिल हुए हैं।
बैठक के बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह एक औपचारिक बैठक थी, जो हर सत्र से पहले होती है। इसमें यह फैसला किया गया है कि राफेल की फ्रांस में जांच आरंभ हुई है, ऐसे में इस मुद्दे को उठाया जाएगा और इसकी जांच के लिए जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) गठित करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि, जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी, किसानों के आंदोलन, कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने में सरकार की विफलता और टीकाकरण की धीमी गति के मुद्दों को भी पार्टी संसद के दोनों सदनों में जोर-शोर से उठाएगी। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होना निर्धारित है।(भाषा)