नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए तैयार होकर आने को कहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें अपना 'होमवर्क (पूर्व तैयारी)' करने और सत्र के दौरान सरकार के विचारों को प्रभावी ढंग से सामने रखने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान संसदीय प्रक्रियाओं और नियमों पर एक प्रस्तुति दी गई जिसमें मंत्रियों को सभी प्रक्रियाओं पर गौर करने को कहा गया।
संसद का सत्र 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। सरकार ने इस सत्र में पेश किए जाने के लिए 17 नए विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। 6 अन्य विधेयक दोनों सदनों में और संसदीय समितियों के समक्ष विभिन्न चरणों में लंबित हैं। संसद सत्र के दौरान सवालों के जवाब देने के अलावा राज्य मंत्री कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति में विधेयक भी पेश करते हैं। हाल में मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद की यह दूसरी बैठक थी।
17 विधेयक लाएगी सरकार : सरकार ने संसद के मानसून सत्र में पेश करने के लिए 17 नये विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। मानसून सत्र 19 जुलाई से आरंभ होगा और 13 अगस्त को समाप्त होगा। सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले इन 17 नए विधेयकों में से तीन विधेयक अध्यायदेशों के स्थान पर लाए जाने हैं। दरअसल, संसद का सत्र आरंभ होने पर अध्यादेश को विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी दिलानी होती है क्योंकि 42 दिन या 6 सप्ताह में इनके प्रभावी रहने की समयसीमा समाप्त हो जाती है।
सरकार की ओर से 30 जून को एक अध्यादेश लाया गया था जो आवश्यक रक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों के आंदोलन या हड़ताल करने पर रोक से संबंधित है। आयुध कारखाना बोर्ड (ओएफबी) के कुछ प्रमुख फेडरेशन की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने की पृष्ठभूमि में यह अध्यादेश लाया गया था। इन फेडरेशन ने ओएफबी के निगमीकरण से संबंधित सरकार के फैसले के विरोध में हड़ताल की घोषणा की थी।
गत 12 जुलाई को जारी लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को भी अध्यायदेश के स्थान पर लाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 भी एक अध्यादेश के स्थान पर लाया जाना है। सरकार के अनुसार, यह अध्यादेश वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय समाधान प्रदान करने और एक सुरक्षा मानक तय करने से संबंधित है।
इसके अलावा सरकार दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 लेकर आएगी। यह भी एक अध्यादेश के स्थान पर लाया जाएगा। इस विधेयक तहत छोटे और मझोली इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को दिवाला निपटान प्रक्रिया (पीपीआईआरपी) की सुविधा दी जानी है।
सरकार ने भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021, पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, 2021, बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2021 और कुछ अन्य विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया है। वित्तीय बुलेटिन के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा और मतदान होगा। (भाषा)