उदयपुर (राजस्थान)। कांग्रेस ने रविवार को बडे सुधारों की घोषणा की और यह फैसला किया कि इन सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी में एक समग्र कार्यबल का गठन किया जाएगा तथा एक परिवार, एक टिकट का फार्मूला लागू होगा। साथ ही, यह शर्त भी जुड़ी होगी कि परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम 5 साल काम किया हो।
पार्टी ने जनता के साथ टूटे संपर्क को फिर से जोड़ने और भारतीय जनता पार्टी की ध्रुवीकरण की राजनीति की धार कुंद करने के लिए आगामी दो अक्टूबर से भारत जोड़ो यात्रा निकालने का भी निर्णय लिया। कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ संपर्क स्थापित करने की प्रतिबद्धता भी जताई और कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप गठबंधन का विकल्प उसने खुला रखा है।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के समापन के मौके पर कांग्रेस कार्य समिति के कुछ सदस्यों को लेकर अपने तहत एक सलाहकार समूह बनाने का ऐलान किया और यह भी स्पष्ट किया कि यह सामूहिक निर्णय लेने वाला कोई समूह नहीं होगा।
पार्टी में बड़े सुधारात्मक कदमों की घोषणा किए जाने के बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह स्वीकार किया कि जनता के साथ पार्टी का संपर्क टूट चुका है और इस संपर्क को फिर से स्थापित करने के लिए नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरना होगा और पसीना बहाना होगा।
झीलों की नगरी उदयपुर में दो दिनों के मंथन के बाद कांग्रेस की ओर से जो उदयपुर नवसंकल्प जारी किया गया जिसमें राजनीतिक मुद्दों, संगठन से जुड़े विषयों, पार्टी के भीतर सुधारों, कमजोर तबकों को फिर से साथ जोड़ने, युवाओं, छात्रों और आर्थिक मुद्दों पर पार्टी का नजरिया सामने रखा गया। साथ ही, आगे के कदमों का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया।
कांग्रेस आने वाले दिनों में पार्टी के सांसदों, विधायकों और सरकार में निर्वाचित पदों पर आसीन होने वाले नेताओं के लिए सेवानिवृत्ति की आयु सीमा निर्धारित करेगी और अगले लोकसभा चुनाव से 50 प्रतिशत टिकट, 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने की घोषणा की।
पार्टी ने महिला आरक्षण के तहत कोटा के भीतर कोटा को लेकर अपने रुख में बदलाव करते हुए कहा कि वह महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ-साथ इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं का अलग कोटा निर्धारित करने के पक्ष में है।
कांग्रेस के नवसंकल्प में भाजपा के राष्ट्रवाद को फर्जी करार देते हुए कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रवाद देश की सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) का मूल चरित्र है। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था की बदहाल स्थिति, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि मौजूदा वैश्विक एवं घरेलू हालात के मद्देनजर यह जरूरी हो गया कि उदारीकरण के 30 साल बाद अब देश की आर्थिक नीतियों को फिर से तय किया जाए।
कांग्रेस ने किसानों के लिए न्यूनमम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने, अलग कृषि बजट बनाने, एमएसपी का सी 2+50 प्रतिशत फार्मूला लागू करने, किसान कल्याण कोष बनाने और फसल बीमा योजना नए सिरे से बनाने की भी पैरवी की।
सोनिया गांधी ने नवसंकल्प चिंतन शिविर से पहले राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा और सशक्तीकरण से संबंधित समन्वय समितियां गठित की थीं। इन समितियों की अलग-अलग बैठकों में 400 से अधिक नेताओं ने पिछले दो दिन में गहन मंथन किया और पार्टी के संगठन में सुधार तथा कई अन्य विषयों पर सुझाव दिए। इन सुझावों को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अंतिम रूप देकर नवसंकल्प का रूप दिया गया।
कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन के अवसर पर सोनिया ने इस शिविर को बहुत सार्थक और उपयोगी करार दिया। उन्होंने कहा, हम गांधी जयंती के अवसर पर कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेंगे। हममें से सब लोग इसमें भाग लेंगे। यात्रा का मकसद सामाजिक सद्भाव को मजबूत करना और संविधान के उन बुनियादी मूल्यों की रक्षा करना है जिन पर हमला हो रहा है।
उन्होंने बताया कि 15 जून से जिला स्तर पर जन जागरण अभियान का दूसरा चरण आरंभ होगा जिसमें बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। सोनिया ने कहा, एक समग्र कार्य बल बनेगा, जो उन आंतरिक सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ायागा जिन पर इस चिंतन शिविर में चर्चा हुई है। ये सुधार 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किए जाएंगे तथा इनमें संगठन के सभी पहलुओं को समाहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, मैंने यह भी फैसला किया है कि कांग्रेस कार्य समिति के लोगों को लेकर एक सलाहकार समूह बनाया जाएगा जो मेरी अध्यक्षता में नियमित रूप से बैठक करेगा और राजनीतिक मुद्दों और पार्टी के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चर्चा करेगा।
उन्होंने कहा, हम सीडब्ल्यूसी की बैठकें भी समय समय पर करते हैं और इसी जारी रखेंगे। नया समूह सामूहिक निर्णय लेने वाली कोई इकाई नहीं होगी, लेकिन इससे वरिष्ठ साथियों के अनुभव का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। इसे भी जल्द अधिसूचित किया जाएगा।
उल्लेखनीय कि कांग्रेस के जी 23 समूह के नेताओं की एक प्रमुख मांग यह रही है कि पार्टी में सामूहिक निर्णय लेने की व्यवस्था हो। चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी ने इसे बैठक को संबोधित किया और नेताओं का आह्वान किया कि आंतरिक चीजों पर ध्यान देने की बजाय बाहर की चुनौतियों से निपटने तथा भाजपा-आरएसएस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरें।
उन्होंने कहा, चाहे हमारे वरिष्ठ नेता हों, कनिष्ठ नेता हों या कार्यकर्ता हों, उन्हें जनता के बीच जाना चाहिए। जनता के साथ कांग्रेस का संपर्क टूट गया है, उसे स्वीकार करना होगा। उसे फिर से बनाना होगा। जनता समझती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।(भाषा)