नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन (मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस) का मतलब लगातार ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की जो बात की जाती है उसका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है।
उन्होंने कांग्रेस के नवसंकल्प चिंतिन शिविर की शुरुआत के मौके पर पार्टी में बड़े सुधार की बात की और नेताओं का आह्वान किया कि वे विशाल सामूहिक प्रयासों के जरिये पार्टी में नयी जान फूंकें क्योंकि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि चिंतिन शिविर हमें यह अवसर देता है कि हम देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों पर चर्चा करें जो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा पैदा की गई हैं। इस शिविर में राष्ट्रीय मुद्दों और संगठन पर बोल्ड चिंतन होगा।
उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना है जबकि अल्पसंख्यक देश के बराबर के नागरिक हैं। इस सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है।
सोनिया गांधी के अनुसार, भाजपा सरकार के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का मतलब यह है कि इतिहास पर फिर से गौर किया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर किया जाए तथा महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमारे महान संगठन की ओर से समय समय पर लचीलेपन की उम्मीद की जाती रही है। एक बार फिर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम अपना समर्थन और साहस की भावना का परिचय दें।
सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है... हमें सुधार की सख्त की जरूरत है। रणनीति में बदलाव की जरूरत है। रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है।