नई दिल्ली। दिल्ली का दिल कहे जाने वाला 'कनॉट प्लेस' दुनिया में नौवां सबसे महंगा कार्यालय स्थल बन गया है। यहां एक वर्गफुट क्षेत्रफल का औसत वार्षिक किराया 153 डॉलर यानी करीब 10527 रुपए तक पहुंच गया है। प्रॉपर्टी सलाहकार सीबीआरई के एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। कनॉट प्लेस इससे पहले दसवें स्थान पर था। इस लिहाज से यह एक स्थान चढ़ा है।
सीबीआरई की सूची के अनुसार, पिछले साल इस सूची में 16वें स्थान पर रहने वाला मुंबई का बांद्रा कुर्ला काम्पलेक्स अब 26वें स्थान पर है। यहां का औसत वार्षिक किराया 96.51 डॉलर प्रति वर्गफुट है। वहीं शहर के ही नरीमन पॉइंट स्थित सीबीडी का स्थान भी घटकर 37वां रह गया है, जो पिछले साल 30वें स्थान पर था।
यहां का वार्षिक किराया 72.80 डॉलर प्रति वर्गफुट है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली ने इस सूची में एक स्थान की बढ़त दर्ज की है। पिछले साल कनॉट प्लेस का 10वां स्थान था। सीबीआरई ने 'ग्लोबल प्राइम ऑफिस ऑक्युपेंसी कॉस्ट सर्वे' जारी कर यह जानकारी दी है। इस लागत में जगह का किराया, स्थानीय कर और सेवा शुल्क इत्यादि शामिल हैं।
सीबीआरई के चेयरमैन (भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया) अंशुमन मैगजीन ने कहा, दिल्ली एक प्रमुख बाजार है। यहां बहुत कुछ महत्वपूर्ण घटता है और इस साल यह एक स्थान ऊपर आकर नौवें स्थान पर रहा है। मुंबई के बाजार में भी आने वाले महीनों में बढ़त दिख सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में पहले स्थान पर हांगकांग का सेंट्रल क्षेत्र है, जहां वार्षिक किराया 306.57 डॉलर प्रति वर्गफुट है। इसके बाद लंदन का वेस्टएंड, बीजिंग का फाइनेंस स्ट्रीट, हांगकांग का कोलून और बीजिंग का सीबीडी है।
न्यूयॉर्क का मिडटाउन-मैनहैटन सूची में छठे स्थान पर रहा है, जहां वार्षिक किराया 183.78 डॉलर प्रति वर्गफुट है। वहीं मिडटाउन-साउथ मैनहैटन सातवें स्थान पर है, जहां वार्षिक किराया 171.56 प्रतिफुट है। शीर्ष दस में टोक्यो का मारुनोउची/ ओटेमाची आठवें स्थान पर और लंदन का सिटी क्षेत्र 10वें स्थान पर है। (भाषा)