अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 10 जून यानी बुधवार से शुरू होगा, जिस दिन मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखी जाएगी। मंदिर न्यास के प्रमुख के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। इस अवसर पर राम जन्मभूमि स्थल पर कुबेर टीला मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में राम मंदिर के निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करते हुए रामजन्मभूमि स्थल को मंदिर निर्माण के लिए आवंटित करने का आदेश दिया था।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा, रुद्राभिषेक अनुष्ठान भगवान राम द्वारा निर्धारित परंपरा का पालन है, जिन्होंने लंका पर आक्रमण करने से पहले भगवान शिव की पूजा की थी।
मंदिर की नींव रखने का कार्य इन विशेष पूजाओं के बाद शुरू होगा। महंत नृत्य गोपाल दास की ओर से कमल नयन दास और अन्य पुजारीगण पूजा करेंगे। अनुष्ठान प्रात: आठ बजे से शुरू होगा। गोपाल दास ने हाल ही में स्थल का दौरा किया था।
कमल नयन दास ने कहा, यह धार्मिक अनुष्ठान कम से कम दो घंटे तक चलेगा और उसके बाद मंदिर की नींव रखने के साथ ही भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।मार्च में, रामलला की मूर्ति को स्थल पर बने अस्थाई मंदिर से नए स्थान पर ले जाया गया। 11 मई को स्थल को समतल करने के लिए मशीन तैनात की गई थी।
अयोध्या में मंदिर कोरोनावायरस के मद्देनजर एहतियात के साथ खुला : अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर दो महीने बाद सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। हालांकि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपाय लागू किए गए हैं। मंदिर सुबह आठ बजे से अपराह्न एक बजे तक और उसके बाद अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक प्रतिदिन आठ घंटे के लिए खुलेगा।
पहले दिन कुछ ही श्रद्धालु मंदिर आए। प्रशासन ने कोरोनावायरस लॉकडाउन के वर्तमान चरण के दौरान धार्मिक स्थलों में एक समय में पांच व्यक्तियों की मौजूदगी की सीमा तय की है।
मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार एक समय में मंदिर में केवल पांच लोगों को दर्शन करने की इजाजत दी जाएगी और लोगों को 15 मीटर की दूरी से रामलला की मूर्ति के दर्शन करने दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा, पूर्व की तरह प्रसाद की इजाजत नहीं होगी। श्रद्धालुओं को कोरोनावायरस प्रोटोकोल का पालन करना होगा।रेजीडेंट मजिस्ट्रेट केडी शर्मा ने कहा कि हालांकि प्रसाद की इजाजत नहीं है लेकिन श्रद्धालु दानपात्र में पैसे डाल सकते हैं।
यह पूछे जाने पर पाबंदियों के चलते कुछ ही लोग मंदिर में दर्शन कर पाएंगे, उन्होंने कहा, अभी लोगों के कम ही संख्या में आने की उम्मीद है। इसलिए कोई समस्या नहीं है। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर हम उसके अनुसार निर्णय करेंगे।(भाषा)