किष्किंधा। कर्नाटक के किष्किंधा, महाराष्ट्र के नासिक और आंध्रप्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में हनुमान जी के जन्मस्थल होने का दावा किया जा रहा है। राजस्थान के सुजानगढ़, हरियाणा के कैथल, गुजरात के डांग जिले में हनुमान जी के जन्म स्थल होने का दावा भी मजबूत हैं। बहरहाल आज होने वाली धर्म संसद में इस बात का फैसला हो जाएगा कि हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था।
हनुमानजी की माता का नाम अंजना है इसीलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है। उनके पिता का नाम केसरी है इसीलिए उन्हें केसरीनंदन भी कहा जाता है। केसरी को कपिराज भी कहा जाता था, क्योंकि वे कपिक्षेत्र के राजा थे। अब सवाल यह उठता है कि यह कपि क्षेत्र भारत में कहां स्थित है? इस विषय में विद्वानों में मतभेद हैं।
कहां हुआ था जन्म : नासिक में महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने इस मामले में आज धर्म संसद बुलाई है। इसमें फैसला हो जाएगा कि हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था।
किष्किंधा के श्री हनुमद जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गोविंदानंद सरस्वती स्वामी ने दावा किया कि हनुमान जी का जन्म त्रयंबकेश्वर के अंजनेरी में नही, किष्किंधा में हुआ था।
गोविंदानंद सरस्वती स्वामी ने वाल्मीकि रामायण के हवाले से कहा कि किष्किंधा ही हनुमान जी का जन्मस्थान है। इसके बावजूद विवाद न हो, इसलिए सभी पक्षों को धर्म संसद में आमंत्रित किया है। मंगलवार को इस पर आखिरी फैसला ले लिया जाएगा। इसके बाद किसी को विवाद नहीं करना चाहिए। किष्किंधा पर्वत कर्नाटक में है।
गुजरात के डांग जिले के आदिवासियों की सबसे प्रबल मान्यता यह भी है कि डांग जिले के अंजना पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजीका जन्म हुआ था।
कैथल हरियाणा प्रान्त का एक शहर है। इसकी सीमा करनाल, कुरुक्षेत्र, जिंद, और पंजाब के पटियाला जिले से मिली हुई है। इसे वानर राज हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है। इसका प्राचीन नाम था कपिस्थल। कपिस्थल कुरू साम्राज्य का एक प्रमुख भाग था। कैथल में ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं से जुड़े अवशेष भी देखे जा सकते हैं। इसके अलावा यहां पर हनुमानजी की माता अंजनी का एक प्राचीन मंदिर भी और अजान किला भी।
कुछ लोग मानते हैं कि हनुमानजी का जन्म झारखंड राज्य के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र गुमला जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर आंजन गांव की एक गुफा में हुआ था। इसी जिले के पालकोट प्रखंड में बालि और सुग्रीव का राज्य था। माना यह भी जाता है कि यहीं पर शबरी का आश्रम था। जंगल और पहाड़ों में से घिरे आंजन गांव में एक अति प्राचीन गुफा है। यह गुफा पहाड़ की चोटी पर स्थित है। माना जाता है कि यहीं पर माता अंजना और पिताकेसरी रहते थे। यहीं पर हनुमानजी का जन्म हुआ था। गुफा का द्वार बड़े पत्थरों से बंद है लेकिन छोटे छिद्र से आदिवासी लोग उस स्थान के दर्शन करते हैं और अक्षत व पुष्प चढ़ाते हैं। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि यह स्थान माता अंजना के जन्म से जुड़ा है।
जन्म तिथि को लेकर भी मतभेद : हनुमानजी का जन्म कल्पभेद से कई विद्वान चैत्र सुद 1 मघा नक्षत्र को मानते हैं। कोई कार्तिक वद 14, कोई कार्तिक सुद 15 को मानते हैं। कुछ चैत्र माह की पूर्णिमा को उनके जन्म का समय मानते हैं और कुछ कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी की महानिशा को, लेकिन ज्यादातर जगह चैत्र माह की पूर्णिमा को मान्यता मिली हुई है।
हनुमानजीकी जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ हनुमान जन्मोत्सव की तिथि कार्तिक कृष्णचतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा। इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं, किंतु इनके कारणों में भिन्नता है। वास्तव में पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनन्दन महोत्सव।