नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) एक बार फिर पांव पसार रहा है। महाराष्ट्र और केरल के साथ ही देश के अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। मध्यप्रदेश में जहां 332 नए मामले सामने आए हैं, वहीं दिल्ली में संक्रमण के 256 मामले आए हैं, जो फरवरी माह में सर्वाधिक हैं। दूसरी ओर, यूपी में केरल और महाराष्ट्र आने वाले लोगों की जांच होगी।
मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 332 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2 लाख 61 हजार 13 तक पहुंच गई। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से तीन व्यक्तियों की मौत हुई है। इसके बाद प्रदेश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3862 हो गई।
12 जिलों में एक भी नया मामला नहीं : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य के 52 जिलों में से 12 जिलों में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी नया मामला नहीं आया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के 96 नए मामले इंदौर में आए, जबकि भोपाल में 58 नए मामले सामने आए। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,61,013 संक्रमितों में से अब तक 2,54,644 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 2,518 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
दिल्ली में बढ़े कोरोना केस : दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 256 नए मामले सामने आए, जो फरवरी में एक दिन में आए सबसे अधिक मामले हैं। साथ ही, यहां इस दौरान एक मरीज की मौत भी हुई। यह लगातार तीसरा दिन है जब कोरोना वायरस के रोजाना मामले 200 या उसके पार चले गए। 23 फरवरी तक रोजाना मामले 200 के नीचे रहे। दिल्ली में 28 जनवरी को कोविड-19 के 199 नए मामले सामने आए थे।
यूपी में हवाई अड्डों पर जांच : उत्तर प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र और केरल से हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों की प्रदेश के हवाई अड्डों पर कोरोना वायरस की एंटीजन जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी एक आदेश आदेश में कहा गया कि कोविड-19 के लक्षण होने पर आरटी-पीसीआर जांच की जाए। परीक्षण में संक्रमण की पुष्टि होने पर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रखा जाए।
हालांकि, आरटीपीसीआर जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने के बाद भी लक्षण वाले यात्री अनिवार्य रूप से प्रदेश में आने के बाद एक सप्ताह तक पृथक-वास में रहेंगे। आदेश में कहा गया कि रेल मार्ग एवं बस आदि से आने वाले यात्रियों की निगरानी और आवश्यकता अनुसार परीक्षण किया जाए। अपर मुख्य सचिव का यह आदेश प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को भेजा गया है।