कोरोना में हजारों बच्चों ने अपने मां बाप को खो दिया। एक रिपोर्ट के मुताबकि करीब 30 हजार से ज्यादा बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया है। अब उनकी पढ़ाई-लिखाई और पालने पोसने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे बच्चों के लिए सरकारों से सारी व्यवस्था करने के लिए कहा है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कोरोना के कारण जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावक को खो दिया है, उनके पालन-पोषण और पढ़ाई-लिखाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकारों की है। कोर्ट ने कहा कि सभी सरकारें यह तय करें कि तमाम अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई जारी रहे।
न्यायालय ने कहा कि इसके लिए जो बच्चा सरकारी या प्राइवेट स्कूल, जहां पर भी पढ़ रहा है, उसकी पढ़ाई वहीं पर जारी रहनी चाहिए। उसने राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी ऐसे बच्चों को आर्थिक मदद के लिए कहा है। सभी बच्चों को तुरंत खाना, दवाई और कपड़े मुहैया कराने के भी आदेश जारी किए हैं। जिन बच्चों के गार्जियन उन्हें रखने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अभी बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंपा जाए।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 30 हजार बच्चों के पैरेंट्स की मृत्यु कोविड-19 महामारी के कारण हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे बच्चों का पता लगाकर लगातार वेबसाइट अपडेट किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चे अनमोल धरोहर हैं।