कई लोगों के घर तिराहे या चौराहे पर होते हैं। कहते हैं कि वास्तु के अनुसार यह अच्छे नहीं होते हैं। तिराहे पर भी भयानक वास्तुदोष निर्मित होता है। यहां रहने वाले सभी सदस्य मानसिक रूप से परेशान ही रहते हैं। मकान के प्रवेश द्वार के सामने यदि कोई रोड, गली या टी जक्शन हो, तो ये गंभीर वास्तुदोष उत्पन्न करते हैं, खासकर उन भवनों में जो दक्षिण व पश्चिममुखी होते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है, क्या कारण है इसका और क्या समाधान है इसका।
कारण :
1. तिराहे पर वास्तु दोष निर्मित होता है। जगह नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है।
2. यहां लोगों तथा वाहनों का आवागमन लगा रहेगा जिसके चलते आपकी मानसिक शांति भंग ही रहेगी।
3. आपमें उत्तेजना बनी रहेगी। यहां रहने वाले सभी सदस्य मानसिक रूप से परेशान ही रहते हैं।
5. तिराहे या टी शेप के मकान के यहां जाकर ऊर्जा रुक जाती है। उर्जा का बहाव नहीं होता है।
6. यहां रहने वाली महिलाएं बीमार ही रहती है।
7. धन टिकता नहीं है और हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है।
8. यह मकान गृह कलह का कारण भी बनता है।
9. घर के मुखिया को अचानकर ही कोई रोग घेर लेता है।
10. मानहानी, आर्थिक नुकसान, घुटनों का दर्द आदि की शंका रहती है।
दिशा और टी पॉइंट :
1. उत्तर दिशा : उत्तर दिशा का टी प्वांइट बुरा नहीं होता यह पैसा और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
2. ईशान दिशा : उत्तर-पूर्व दिशा का टी प्वांइट सभी दृष्टि से अच्छा है और यह सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला होता है।
3. पूर्व दिशा : पूर्व दिशा का टी पॉइंट मकान मान सम्मान और सेहत का कारक है।
4. आाग्नेय दिशा : पूर्व और दक्षिण के बीच अर्थात आग्नेय कोण या दिशा का टी पॉइंट मकान में चोरी व आगजनी जैसी घटनाओं का डर रहता है।
5. दक्षिण दिशा : दक्षिण दिशा के टी प्वांइट के मकान में रहने वाले युवा बुरे रास्ते पर चलने लगते हैं। इस घर में रहने वाले युवा नशा आदि जैसी बुरी गतिविधियों में संलग्न हो सकते हैं।
6. पश्चिम दिशा : पश्चिम दिशा का टी पॉइंट भी अच्छा नहीं माना जाता है।
7. नैऋत्य दिशा : दक्षिण-पश्चिम अर्थात नैऋत्य दिशा के बीच टी प्वांइट पर बना मकान गंभीर बीमारी और अकाल मृत्यु का कारण बनता है।
8. वायव्य दिशा : उत्तर-पश्चिम अर्थात वायव्य दिशा का टी प्वांइट बुरा फल देने वाला होता है। यह हर तरह से आर्थिक नुकसान पहुंचाता है।
सामान्य समाधान :
1. दरवाजे पर मधुर ध्वनि वाल विंड चाइम्स लगाया जा सकता है जिससे सकारात्म उर्जा अवरुद्ध नहीं होगी।
2. आग्नेय में टी-प्वाईंट है तो घर के अंदर इसी जोन में फेंगशुई या वास्तु से संबंधित पौधे लगाए जा सकते हैं।
3. घर के अंदर से नकरात्मक उर्जा को बाहर करने के लिए मुख्य द्वार पर चार इंच की पीली पट्टी लगाएं।
4. वास्तु शास्त्री से पूछकर उचित स्थान पर पिरामिड द्वारा भी उपाय किया जा सकता है।
5. घर के भीतर प्रवेश द्वार के सामने 6 इंच का एक अष्टकोण आकार का मिरर लटका दें। ऐसा करने से दक्षिण एवं पश्चिम दिशाओं की टी का सम्पूर्ण वास्तुदोष ठीक हो जाता है।