जम्मू। इस माह के अंत में कश्मीर में आरंभ होने जा रहे ट्यूलिप फेस्टिवल पर कोरोना वायरस (Corona virus) का साया पड़ने लगा है। इस फेस्टिवल के जरिए कश्मीर में पर्यटन में जान फूंकने की कवायद औंधे मुंह गिरती नजर आने लगी है क्योंकि पर्यटकों ने अपनी बुकिंगें रद्द करवानी आरंभ की है।
यही नहीं, वैष्णोदेवी की यात्रा में साल के पहले दो महीनों के आंकड़ों से मिलने वाली खुशी भी अब कोरोना वायरस के कारण काफूर होने लगी है, जबकि यात्रा में बड़ी संख्या में प्रभावित लोगों के शामिल होने से कटरा में भी महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
स्थिति यह है कि ट्यूलिप फेस्टिवल की तैयारियों में जुटा पर्यटन विभाग प्रशासन की उन चेतावनियों को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें वह कोरोना से बचाव की खातिर अधिक भीड़ एकत्र करने से मना कर रहा है। पर्यटन विभाग की कवायद सिरे चढ़ पाएगी इसके प्रति भी शंका इसलिए है क्योंकि ट्यूलिप फेस्टिवल को देखने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों ने अब अपने कश्मीर के दौरे को रद्द करना आरंभ कर दिया है।
ऐसा ही असर वैष्णोदेवी की यात्रा पर भी दिखने लगा है जहां कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा करके वापस आए श्रद्धालुओं की आमद से डर पैदा हो गया है। यही डर कटरा निवासियों को भी होने लगा है जिन्हें आशंका है कि अगर यूं ही कोरोना प्रभावित मुल्कों से लौटै श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती रही तो महाभारी फैल सकती है। कुछ होटल मालिकों ने इसकी पुष्टि भी की है कि आने वाले दिनों के लिए करवाई गई बुकिंगें रद्द करवाई जा चुकी हैं।
हालांकि सतर्कता के चलते इटली, कनाडा, अमेरिका और नेपाल का सफर कर वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए पहुंचे 23 भक्तों को कटरा में स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में रखा है। माता वैष्णोदेवी स्थापना बोर्ड ने उन श्रद्धालुओं की यात्रा पर रोक लगा दी है, जिन्होंने हाल ही में कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा की है।
बोर्ड ने हरियाणा के उन दो श्रद्धालुओं को भी यात्रा करने से रोका जो हाल ही में इटली की यात्रा के लौटे हैं। वहीं नेपाल के रहने वाले 11 भक्तों को भी यात्रा करने से रोका गया है। इसके साथ ही 4 कनाडा से और अमेरिका से यात्रा कर लौटे 6 यात्रियों को भी यात्रा करने से रोका गया है। हालांकि श्राइन बोर्ड का दावा है कि रोके गए सभी यात्री पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इनमें से किसी भी यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं।
इतना जरूर था कि इस साल के पहले दो महीनों में वैष्णोदेवी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी के महीने में 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता वैष्णोदेवी के दर्शन किए। लेकिन, अब इस खुशी को कोरोना वायरस लीलने लगा है। वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के बकौल, इस साल एक जनवरी से 29 फरवरी तक 9 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए जो एक रिकॉर्ड है।