नई दिल्ली। भारत में बनी कोवैक्सिन (Covaxin) कोरोनावायरस (Coronavirus) के डेल्टा स्वरूप पर प्रभावी है। इस संबंध में आईसीएमआर ने दावा किया है। पिछले दिनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बलराम भार्गव ने भी इस बात की पुष्टि की थी।
देश में कोरोना वैक्सीन पर शोध के साथ-साथ इसकी प्रभावकारिता पर भी अध्ययन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन 'कोवैक्सिन' डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ भी अधिक प्रभावी है।
पिछले दिनों भार्गव ने कहा था कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के स्वरूपों- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के खिलाफ प्रभावी है। तीसरे फेज के ट्रायल में को-वैक्सीन 77.8% तक असरदार पाई गई है। कोवैक्सीन पारंपरिक तरीके से बनी है। इसमें डेड वायरस को शरीर के अंदर डाला जाता है, जिससे शरीर वायरस को पहचानने और उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है।