हमारे देश की महिलाएं साहस और बहादुरी में पुरुषों से कम नहीं हैं। ऐसी एक महिला अधिकारी से आपको मिलवाते हैं। ये हैं उषा किरण। उषा किरण देश की पहली महिला असिस्टेंट कमांडेंट हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में तैनात हैं और नक्सलियों से लोहा लेती हैं। नक्सली इनका नाम सुनकर कांपने लगते हैं। उषा किरण को वोग द्वारा 'यंग अचीवर ऑफ द ईयर' भी चुना गया है।
मूल रूप से गुड़गांव की रहने वाली इस लेडी अफसर ने 25 साल की उम्र में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। वे पहली महिला अफसर हैं, जिन्हें बस्तर में तैनाती दी गई थी। उषा किरण को सीआरपीएफ की सबसे खतरनाक विंग कोबरा में बतौर असिस्टेंट कमांडर तैनात किया गया है।
उषा एक पूरी कंपनी को लीड कर रही हैं। उन्हें कोबरा 206 बटालियन में पोस्टिंग मिली है। फोर्स में इंट्री मिलते ही उषा की पहली पोस्टिंग दरभा में हुई। दरभा वही इलाका है जहां झीरम घाटी में एक साथ 29 से ज्यादा कांग्रेसियों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी।
नक्सलगढ़ इलाके में उषा किरण न सिर्फ एके-47 जैसे हथियारों से नक्सलियों से मुकाबला कर रही हैं बल्कि सामाजिक जागृति फैलाने का काम भी इलाके में कर रही हैं। उषा यहां लोगों को सुरक्षा के साथ शिक्षा-स्वास्थ्य और देशप्रेम जगाने का काम भी कर रही हैं। ऐसे खतरनाक इलाके में उषा न सिर्फ काम करती हैं, बल्कि जंगलों में सर्च ऑपरेशन भी चलाती हैं।