नई दिल्ली। बैंक शाखाओं और एटीएम से नकदी की निकासी पर अंकुश 30 दिसंबर के बाद भी जारी रह सकता है। करेंसी छापने वाली प्रेस तथा रिजर्व बैंक नए नोटों की मांग के अनुरूप आपूर्ति अभी नहीं कर पा रहे हैं।
नोटबंदी की 50 दिन की सीमा नजदीक आ रही है। ऐसे में बैंकरों में लगातार यह धारणा बन रही है कि निकासी पर अंकुश नए साल में भी जारी रह सकता है जिससे कि बैंकों का कामकाज सुचारु तरीके से हो सके।
एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने हाल में संकेत दिया था कि निकासी पर अंकुश तब तक नहीं हटाया जा सकता, जब तक कि बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध नहीं हो।
कई स्थानों पर बैंक 24,000 रुपए की साप्ताहिक सीमा को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। वे लोगों को इस सीमा से कम की नकदी उपलब्ध करा रहे हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों को नए नोटों में नकदी दी जा सके। माना जा रहा है कि यदि लोगों तथा कारोबारियों से 2 जनवरी से इस सीमा को हटाया जाता है तो बैंक लोगों की वैध मुद्रा की मांग को पूरा नहीं कर पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद 9 नवंबर से 19 दिसंबर तक बैंकिंग प्रणाली में 5.92 लाख करोड़ रुपए के नए नोट डाले हैं। बंद किए गए नोटों का मूल्य 15.4 लाख करोड़ रुपए बैठता है। 10 दिसंबर तक बैंकों को पुराने नोटों में 12.4 लाख करोड़ रुपए की जमा मिली थी। (भाषा)