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Cyber fraud : बैंकों और वित्तीय संस्थानों से क्या चाहता है वित्त मंत्रालय?

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 14 अप्रैल 2024 (12:35 IST)
cyber fraud : वित्त मंत्रालय चाहता है कि बीओबी वर्ल्ड ऐप घोटाले और इसी तरह के अन्य वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लगाने के लिए बैंक तथा वित्तीय संस्थान ‘अपने ग्राहक को जानो’ (KYC) प्रक्रिया और जांच-परख को बढ़ाने के लिए काम करें।
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाएं देने वाले दुकानदारों तथा बैंकिंग प्रतिनिधि को जोड़ने से पहले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को इनकी गहन जांच-परख करनी चाहिए। इस तरह के कदम से न केवल धोखाधड़ी पर अंकुश लग सकेगा बल्कि वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत किया जा सकेगा।
 
सूत्रों ने कहा कि दुकानदारों और बैंकिंग प्रतिनिधि के स्तर पर आंकड़ों की सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि इनके स्तर पर डेटा में सेंध लगने की आशंका अधिक होती है।
 
ऐसे में सूत्रों का कहना है कि रिजर्व को बैंकों और वित्तीय संस्थानों को साइबर धोखाधड़ी के ‘हॉटस्पॉट’ पर बैंकिंग प्रतिनिधियों को जोड़ने से पहले उनकी पूरी जांच-परख करनी चाहिए। इसके अलावा धोखाधड़ी में इस्तेमाल सूक्ष्म एटीएम को भी ब्लॉक किया जाना चाहिए।

साइबर सुरक्षा को बढ़ाने और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने को लेकर हाल में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में यह सुझाव दिया गया।
 
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के 11,28,265 मामले सामने आए। इन मामलों में कुल 7,488.63 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई।
 
साइबर अपराध से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के माध्यम से देश में‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ की स्थापना की है।
 
बढ़ती साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों के तहत रिजर्व बैंक अवैध ऋण देने वाले ऐप की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए एक डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (डिजिटा) स्थापित करने पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के सत्यापन में मदद करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 

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