Cyclone Biparjoy : चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश होने से कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई है। चक्रवाती तूफान अब कमजोर पड़ गया है लेकिन राज्य में विभिन्न स्थानों पर इसकी तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। कच्छ में बिजली के खंभों के गिरने के कारण करीब 45 गांव अंधेरे में डूब गए और जगह जगह पेड़ उखड़ गए।
जामनगर और देवभूमि द्वारका जिलों में चक्रवात का व्यापक प्रभाव देखा गया। दोनों जिलों की बिजली व्यवस्था को 8 करोड़ 24 लाख का नुकसान हुआ। आंधी से दोनों जिलों के 1337 फीडर प्रभावित। 4028 बिजली के खंभे टूटे और 182 ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो गई। दोनों जिलों के 1289 गांवों में आज सुबह तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। पिछले 5 दिनों के दौरान यहां की बिजली व्यवस्था को 8,24,13,000 रुपए का नुकसान हुआ।
कच्छ जिले के नयाली तहसील में चक्रवात के कारण बिजली के तार गिर गए तथा खंभे उखड़ गए, जिसके कारण 45 गांव अंधेरे में डूब गए।
गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद चक्रवात की तीव्रता कम होकर बेहद गंभीर से गंभीर श्रेणी में आ गई। चक्रवात उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है और यह कमजोर पड़ गया है। शाम तक यह दक्षिण राजस्थान के ऊपर दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा।
तेज बारिश के बीच भावनगर में एक उफनते नाले में फंसी अपनी बकरियों को बचाते समय एक व्यक्ति और उसके बेटे की मौत हो गई।
आईएमडी ने बताया कि गुजरात तट के पास पहुंचने के दौरान चक्रवात 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। तट पर पहुंचने के दौरान हवा की गति 115-125 किलोमीटर प्रति घंटे से 140 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपदा अभियान केन्द्र में हालात तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। सभी 8 प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य जोरों से चल रहा है।
राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया है। 631 चिकित्सा दल और 504 एंबुलेंस तैनात की गई हैं। तूफान से पहले ही 94,000 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेज दिया गया था।